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- १५:०४, २३ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३३६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' {{block center|<poem>सिला सिला प्रति चन्द चमकि किरननि छबिछाई । बिच बिच अब कदम्ब भम्ब झुकि पायनि आई ।। ठौर ठौर चहुँ फेर ढेर फूलन के सोहत । करत सुगन्धित पवन सहज मन मोहत जोहत ॥ बिमल नी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:४९, २३ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३०२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'कालिदास त्रिवेदी २४० का कालिदास त्रिवेदी 1992 लिदास त्रिवेदी कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। इनका जन्म अनुमान से सं० १७१० के लगभग वन- पुरा गाँव (जिला कानपुर) में हुआ। इनकी पुस्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०६:१४, २३ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३०५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'रंङ्गभूमि नृपति अनंग आगे नृत्य करें बेसर की मोती नृत्य कारी है ॥ इनमें से चाहे जिस छन्द की पूर्ति पर आलम रीझे हों, परन्तु इसमें संदेह नहीं, कि दोनों बड़े प्रेमी जीव थे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १५:३७, २२ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/२०४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'द्वारका जाहु जू द्वारका जाहु जू आठहु याम यही भक तेरे । जौ न कहो करिये तो बड़ो दुख पैहों कहाँ अपनी गति हेरे । द्वार खड़े प्रभु के छड़िया तहँ भूपति जान न पावत नेरे । पाँच स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १३:४१, २२ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४५५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{block center|<poem>दान कहै यों प्रवीनन सों कवि को कविता रस राखिकै पोजै । कीरति के बिरवा कवि हैं इनको कबहूँ कुम्हिलान न दीजै । {{rh||'''२१'''}} ज्ञान घटै ठग है चोर को संगति मान घरै पर गेह के...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १३:२८, २२ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४२० पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'ये शाकद्वीपी ब्राह्मण थे। कवियों और विद्वानों का ये बड़ा आदर करते थे । ये स्वयं ए¾क अच्छे प्रतिभा शाली कवि थे । इनका रचा हुआ कोई ग्रन्थ हमारे देखने में नहीं आया । इनके...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १२:११, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४०० पृष्ठ बनाया (अशोधित: '१६११ तक राज करते रहे। ये अच्छे कवि थे और सुकवियों का अच्छा सतकार भी करते थे। इन्होंने निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की है- अष्टयाम का आन्हिक, आनन्द रघुनन्दन नाटक, उत्तम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १२:०६, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३९३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'मैं ताकी बदलती बदजाती हाँ उराहना ॥ ग्वाल कवि से ही परसिद्ध सिद्ध ते हैं जग वही परसिद्ध ताकी हाँ हाँ सराहना जाकी इहाँ चाहना है ताकी वहाँ चाहना है जाकी इहाँ चाहना है ताक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १२:०२, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४१७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'राजत पुरद किरीट शिर प्रगटत प्रभा अजि यो मनहुँ गिरि नील पर अनुपम रवि छवि मंडि ॥२८॥ {{c|{{xxx-larger|'''गीत'''}}}} भज मनो देवकी जठर महोदधि पूर्ण मृगांकमुदारम् । चदुकुल कुमुद बिनोद बिका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०६:२८, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४२६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'थी, इससे सन् १८७० के प्रथम दिल्ली दरबार में इनको गच- र्नमेंट ने राजा की पदवी दी । ये २० वर्ष तक ८०० रु० मासिक पर पहले दरजे के डिप्टी कलक्टर जन्मदाता मिस्टर ह्यूम की इन पर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०६:१७, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३७२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '<poem>है । हाय ! इन लोगन को कौन सा उपाय जिन्हें लोक को न डर परलोक को न डर है ॥ ६ ॥ लगी अंतर में करें बाहिर को बिन जाहिर कोऊ न मानतु है । दुख औ सुख हानि औ लाभ सबै घर की को बाहर भानत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०६:०९, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३४५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'ताते न कीजिए गौन बलाइ ल्यों गौन करे यह सीस बिसे है । जानति हो द्वाग ओट भये तिय प्रान उसासहि के सँग जैहै ॥२॥ संपत्ति के बढ़े सो प्रतिष्ठा बाढ़ बाढ़ सोच कहै रघुनाथ ताके र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०३:५९, २१ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३९२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'मोरन के सारन की नेकी न मरोर रही घोरहू रही न घन धने या फरद की। अंबर अमल सर सरिता विमल भल पंक कोन अंक औन उड़नि गरद की ॥ ग्वाल कवि चित मैं चकोरन के चैन भये पंथिन की दूर भई दूख...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १५:२४, २० जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४२४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'आपने अंतिम समय तक नहीं छोड़ा। आप महीन से महीन अक्षर भी वृद्धावस्था में बिना चश्मे की सहायता के पढ़ लेते थे। अभी थोड़े ही दिन हुये, इसी आश्विन मास (सं१९७५)में आपने इस अस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:४१, २० जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४२३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' सं० १६१४ में आप अजमेर वापस गये और वहाँ से कुछ - दिन बाद फतहपुर चले आये । तब से वहीँ रहने लगे । आप बड़े विद्या- व्यसनी थे । पुस्तकों से आप का बड़ा प्रेम था । गीताका प्रतिदि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:३४, २० जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/४२१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'यूकती कछूक बैन | एहो ब्रजराज मेरे प्रेम धन लुटिये को बीरा खाइ आए कि आपके अनोखे नैन || ३ || कारो नभ कारी निसि कारिये डरारी घटा झूकन बहत पौन आनंद को कन्द री । द्विजदेव साँवरी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १३:१५, २० जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३९१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||'''षट् ऋतु वर्णन'''}} सरसों के खेत की बिछायत बसंती बनी तामें खड़ी चांदनी बसंती रति कंत की। सोने के पलंग पर बसन बसंती साज सोनजुही भालै हालै हिय हुलसंत की ॥ ग्वाल कवि प्यार...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १३:०४, २० जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३९० पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{block center|<poem>के धाम गरे बाँह डाली है। एक एक स्वाँस ये अमोल कढ़े जात हाय लोल चित यह ढोल फोरत उताली है ॥ ग्वाल afa at तू विचारै बर्ष बढ़े मेरे एरे । घटे छिन छिन मायु की बहाली हैं। जै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०७:३४, २ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४९१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||टिप्पणियाँ|४५९}} महायुद्धके समय ही रंगरूट भरती नहीं किये थे बल्कि १९१४ में भी लन्दनमें एक घायल शुश्रूषा दलका संगठन किया था। इसलिए ऐसा करके यदि मैंने पाप किये हों तो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०७:२६, २ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३७४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||'''१५७. बम्बईकी सुन्दरता'''|}} बम्बई सुन्दर है । इसलिए नहीं कि वहाँ बड़ी-बड़ी इमारतें हैं; क्यों कि ये इमारतें अधिकतर तो भयंकर गरीबी और गन्दगीका आवरण-भर हैं । इसलिए भी नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०७:२०, २ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/४८९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||ट्रान्सवालमें भारतीय व्यापारिक परवाने|४४७}} <br>जैसा कि एक पहले पत्रमें और परमश्रेष्ठको दिये हुए मुद्रित प्रार्थनापत्र में कहा जा चुका निहित स्वार्थोका, यहाँ जो अर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १७:२२, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४९७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '<br>औषधि खोजने और उसे प्रयुक्त करनेमें अपनी शक्ति लगायेंगे, वे ही सच्चे सर्जन और डाक्टर बन जायेंगे और जब यह व्यापक व्याधि दूर हो जायेगी तो दूसरी बहुत-सी व्याधियाँ बिना...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १७:१३, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४८७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||सन्देश : बम्बईकी सार्वजनिक सभाके लिए|४५५}} "केवली "" बन सकेगा, उसके लिए केवल ज्ञान अप्राप्य नहीं होगा । इसलिए मैं आपसे यह नहीं कहता कि आप संस्कृत पढ़ें, या भगवती सूत्रक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १६:५८, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४८६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh|४५४|सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय|}} <br>मनुष्यकी हत्या की, तो उसके पीछे तो जाने कितनी खटपट, कितना पाखण्ड रहा होगा ।" श्रावकोंसे और दूसरे सब लोगोंसे मैं कहता हूँ कि जीवदयाका अर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १६:५१, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४८५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||भाषण : राजचन्द्र जयन्ती के अवसरपर, अहमदाबादमे|४५३}} <br>कर रहे हैं। वे तो चींटियोंको 'चून' डालते हैं । आलू उनके मुँहमें चला जाये तो उन्हें दुःख होता है । ऐसी छोटी-छोटी बा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १६:४६, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४८४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh|४५२|सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय|}} <br>करता है वह इसमें पड़े बिना रह ही नहीं सकता। इसमें से राजनैतिक, आर्थिक आदि विषयों के परिणाम तो सुन्दर आयेंगे ही, लेकिन सबसे सुन्दर परिणा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १६:३९, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/४८३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||भाषण : राजचन्द्र जयन्ती के अवसरपर, अहमदाबाद में|४५१}} <br>हम समझ लें तो ऐसी अनेक बातें, जो हमारी समझमें पूरी तरह नहीं आती हम लोक- लज्जावश ही करने लग जायें। खादी किसलिए पह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १०:४०, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३८८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'यज्ञके अनेक अर्थ हो सकते हैं। हिन्दुस्तानमें गृहस्थ, संसारीके लिए पाँच यज्ञ आवश्यक हैं: चूल्हा, मूसल, चक्की, घड़ा और चरखा। इनमें से जिस घरमें जो चीज जितनी कम होगी उतनी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १०:३१, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४७१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||भाषण : बम्बई में|४३९}} <br>है । इसके बाद उन्होंने श्री ललितसे स्वर्गीय लोकमान्यके सम्बन्ध में अपना गीत गानेकी प्रार्थना की। सभामें भाषण देते हुए गांधीजीने कहा कि जिस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १०:२४, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{rh||असहयोग समितिका प्रतिवेदन|३९५}} <br>तब हम असहयोगकी सफलताओंको और ज्यादा अच्छी तरह आँक सकेंगे और तभी हम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीकी सलाहसे परिस्थितिका सामना करनेके ल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १०:१०, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '<br>क्योंकि व्यक्ति कर्मके निमित्त मात्र हैं । इसलिए मैं पूरा जोर लगाकर कहूँगा कि जोशीले लोग और साहसी व्यापारी उचित-अनुचितका विचार करें, और इस प्रकारके चित्र हटा लें ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०९:४१, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 19.pdf/५९३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '<br>माण में सूतका उत्पादन करनेके लिए हमें १ करोड़ २० लाख तकुए [ चरखे ] चाहिए । जूनके अन्ततक कांग्रेस तो केवल ३० लाखकी, अर्थात् समूची आवश्यकताके मात्र छठे भागकी ही अपेक्षा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०९:२०, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३८९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '<center>{{xxx-larger|''ग्वाल''}}</center> ग्वा ल बन्दीजन सेवाराम के पुत्र थे, और मथुरा में रहते थे। इनके जन्म मरण का ठीक ठीक समय का अभी तक पता नहीं चला | सं० १८७६ में इन्होंने यमुना लहरी बनाई...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०९:०३, १ जुलाई २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/२१३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '{{block center|<poem>दुरदिन परे रहीम कहि भूलत सब पहचानि । सोच नहीं वित हानि को जो न होय हित हानि ॥ ६॥ को रहीम पर द्वार पर जात न जिय पछितात । संपति के सब जात हैं विपति सबहि लै जात ॥ ७ ॥ ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १२:४०, २९ जून २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/१९८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '<br> के थोड़े ही भजनों में पाया जाता है। कबीर साहब की तरह दादू दयाल भी हिन्दू मुसलमानो में भेद नहीं मानते थे । यह उनके पदों से साफ़ साफ़ प्रकट होता है । यहाँ हम दादू दयाल क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:०१, २९ जून २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३८४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' तिनको लख्यो न वेद में निरधार है | जानियत याते रघु- राय की कला को कहूँ काहू पार पायो कोऊ पावतः न पाए है। कौन दिन कौन छिन कौन घरो कौन ठौर कौन जाने कौन को कहा धीं होनहार है ।।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १२:०३, २८ जून २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/२१९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' गुन रहिमन मनहि लगाय के नर को बस करिबो कहा रहिमन सुवा नयन दरि जाहि निकारो गेह ते ते लेत रहीम जन कूप तें कहुँ होत है रहिमन मन महराज के जाहि देखि रीझे नयन बिरह रूप घन तम भयो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०६:५८, ८ जून २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३१९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '२६४ बरपिपर पात हस्ती श्रवन कोइ कोइ कवि कुछकुछ कहैं। बैताल कहें विक्रम सुनो चतुर चुप्प कैसे रहें ॥ ७ ॥ सलि बिन सूनी रैन ज्ञान | बिन हिरदै सूनो । कुल सुनो बिनु पुत्र पत्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- ०९:४१, १ जून २०२४ सूरज साव वार्ता योगदान ने पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३१८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'एते मरे २६३ म रोइये ॥ ३ ॥ को सर करि लावै । उत्तर दै आवे | यमन सो मरिजाय हाथ ले मदिरा प्यायै । पूरा वही मरि जाय जु कुल में दाग लगावै ॥ अरु वे नियाव राजा मरे सबै नींद भरि सोये...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ०९:०४, १ जून २०२४ सदस्य खाता सूरज साव वार्ता योगदान बनाया गया टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन