पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२७

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३९५
असहयोग समितिका प्रतिवेदन


तब हम असहयोगकी सफलताओंको और ज्यादा अच्छी तरह आँक सकेंगे और तभी हम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीकी सलाहसे परिस्थितिका सामना करनेके लिए उपयुक्त कदम उठा सकेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीकी बैठक २२ जुलाईको लखनऊमें होने जा रही है ।

सविनय अवज्ञा

असहयोग के सम्बन्धमें तो यह स्पष्ट है कि हमें अपना हर कदम भारतीय जनता- की तैयारीको देखकर ही निश्चित करना चाहिए। यह सुझाव दिया ही जा चुका है कि पिछले तीन महीनोंके दौरान जो प्रगति हुई है उसे देखते हुए सविनय अवज्ञा शुरू करना बिलकुल उचित जान पड़ता है। टर्कीके लोगों के बारेमें ब्रिटेनकी सरकारने एक बार फिर ऐसा रुख अपनाया है जिससे मुसलमानों और भारतीयोंके मतके प्रति घोर अवहेलना प्रकट होती है। साथ ही ब्रिटिश सरकारने भारतमें असहयोग आन्दो- नके पूर्णतः अहिंसक होनेपर भी उसके दमनके लिए कानूनका जो घोर दुरुपयोग किया है, जान पड़ता है, उसके कारण हमें जल्दी ही सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू करनेपर विवश होना पड़ेगा। जो भी हो, चूंकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी लखनऊकी अपनी बैठकमें इस प्रस्तावपर विचार करनेवाली है, इसलिए उसके निर्णयोंतक रुके रहना ही ठीक होगा ।

फिर भी हम यह बतला देना चाहते हैं कि यूरोपकी परिस्थितिसे लोगोंका उत्साह बढ़ना चाहिए, खास तौरसे मुसलमानोंका । उनको देशके सामने प्रस्तुत कार्य- क्रम के सिलसिलेमें -अर्थात् खिताबों, परिषदों, स्कूलों-कालेजों, न्यायालयों और रंग- रूटोंकी भरतीसे सम्बन्धित कार्यक्रमकी ओर - • और अधिक जोरसे काम करनेके लिए उत्साहित होना चाहिए। हमारी राय है कि जो लोग सेनामें भरती होते हैं उन्हें अब भरतीसे पहलेसे अधिक बचना चाहिए। हम समझते हैं कि यदि ब्रिटिश सरकार टर्कीके खिलाफ लड़नेके लिए कहे तो उसे सहायता देनेसे इनकार करना भारतीय सैनिकोंका कर्त्तव्य है । मुसलमान उलेमाओंको पूरी-पूरी कोशिश करनी चाहिए कि मुसलमान सैनिकोंको इस सम्बन्धमें इस्लाम के धार्मिक आदेश भली-भाँति समझाये जायें; और अब सारे असहयोगियोंको भी चाहिए कि वे टर्कीसे लड़ाई शुरू होनेकी सूरतमें कांग्रेस कार्य समिति द्वारा भारतीय सैनिकोंके कर्त्तव्यके बारेमें दी गई रायपर खास जोर दें ।

असहयोग कार्यक्रम की मुख्य बातें

सबसे पहले तो लिखित रूपमें हम अपना यह विश्वास प्रकट करना चाहते हैं कि बेजवाड़ा कार्यक्रमपर ज्यादा मुस्तैदीसे अमल करना नितान्त आवश्यक है क्योंकि टर्की और इस्लाम के बारेमें ब्रिटिश सरकारका रवैया निःसन्देह वैमनस्यपूर्ण मालूम पड़ता है उससे हमें सफलतापूर्वक जूझना है। किसी भी बालिग भारतीय युवक या युवतीको कांग्रेसके रजिस्टरमें अपना नाम लिखाने या तिलक स्वराज्य-कोषमें चन्दा देनेमें तनिक भी विलम्ब नहीं करना चाहिए। हम अपने उद्देश्यकी प्राप्तिके लिए हर घरमें चरखा चलवाना, सर्वत्र खादीका इस्तेमाल करना और विदेशी वस्त्रोंका पूर्ण बहिष्कार करना नितान्त आवश्यक मानते हैं। साथ ही सभी लोगों, खासकर मुसलमानोंको