अमिताभ साव के सदस्य योगदान
Results for अमिताभ साव वार्ता अवरोध लॉग अपलोड लॉग global block log global account दुरुपयोग लॉग
A user with ५,६०० edits. Account created on २४ फ़रवरी २०२०.
११ फ़रवरी २०२४
- १३:१११३:११, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,९९९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/६२ →अशोधित: '६. ७. ८. ६. :. १०. ११. १२. १३. ४६ अध्याय ५ Evan Charteris, The Life and Letters of Sir Edmund Gosse, लंदन, १६१३, Edmund Gosse का F. C. Roe के नाम, मार्च १६, १९२४ को लिखा पत्र । १० ४७७ पर उद्धृत डब्लू० पी० कर, Essays, लंदन, १९२२, प्र० भा०,...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:१११३:११, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +५,२३६ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/६१ →अशोधित: 'साहित्य के समूहों का इतिहास तो और भी कठिन कार्य है। इस तरह के प्रयासों में जान मैकल का 'स्लोवानिक लिट्रेचर्स' और समस्त मध्ययुगीन रोमांस साहित्यों का इतिहास लिखने का ल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०९१३:०९, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,४१८ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/६० →अशोधित: 'अध्याय ५ ४७ - जैवी दृष्टिकोण से विचार करने पर ये दोनों ही श्रेणियाँ पूर्णतः समान हैं; और १८०० के लगभग उत्पन्न एक जन-समूह ने साहित्यिक परिवर्तन को उतना प्रभावित किया है,...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०९१३:०९, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,३०० पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५९ No edit summary वर्तमान
- १३:०९१३:०९, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास ० न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५९ →अशोधित: रिक्त पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- १३:०८१३:०८, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,३८८ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५८ →अशोधित: '४५ अध्याय ५ यदि मानव संस्कृति - राजनीति, दर्शन, कलाएँ, आदि--के इतिहास को उपवर्गों में विभक्त करनेवाली कोई युग श्रेणी सुलभ हो भी, तो साहित्यिक इतिहास के लिए कोई ऐसी योजना...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०८१३:०८, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,४३९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५७ →अशोधित: 'साहित्य का इतिहास - वर्शन इसका अर्थ यह नहीं कि अँगरेजी के साहित्यिक इतिहासों के व्यवहृत सांप्रतिक युग- नाम संतोषजनक हैं । 'रिफार्मेशन' जैसे नाम धार्मिक इतिहास से, ह्य...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०७१३:०७, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,६८८ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५६ →अशोधित: 'अध्याय ५ ४३ सन् १८०० ई० के पहले जन्म लेनेवाले और सन् १८०० ई० के बाद मृत, लेखकों का ही विवेचन किया गया है । ऐसी स्थिति में युग मात्र सुविधाजनक शब्द है, वह किसी पुस्तक के उ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०७१३:०७, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,६९३ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५५ →अशोधित: '४२ साहित्य का इतिहास-दर्शन या कथा-वस्तु के बहिर्गमन के अध्ययन की प्रचलित पद्धति है। जहाँ तक इस पद्धति से लोक- बार्ता के अध्ययन का प्रश्न है, रूसी विद्वानों ने अनुकरणी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०६१३:०६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,४४९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५४ →अशोधित: '४१ अध्याय ५ प्रकार तत्त्व-विशेष को पृथक् कर उसका इतिहास प्रनिखित किया गया है - यह दूसरी बात. है कि ये बृहत् पुस्तकें छंद और लय के संबंध में लेखक के अस्पष्ट और लुप्तप्रय...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०६१३:०६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,५३२ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५३ →अशोधित: '४० साहित्य का इतिहास दर्शन 1 मौलिकता के विषय में साधारणतः हमारी सांप्रतिक धारणा यह है कि वह परंपरा के विरुद्ध विद्रोह है, या फिर हम उसे वहाँ ढूंढते हैं जहाँ वह होती नही...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०५१३:०५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,५५१ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५२ →अशोधित: 'अध्याय ५ ३६ और इन योजनाओं को स्वयं इतिहास से प्राप्त किया जा सकता है। हम इसके उदाहरण के रूप में उन समस्याओं में से कुछेक को ले सकते हैं, जो साहित्यिक इतिहास की समस्याएँ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०५१३:०५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,५०८ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५१ →अशोधित: 'साहित्य का इतिहास दर्शन में विपर्यास हो गया, वास्तविक परिवृत्ति का प्रमाण नहीं है; हम ज्यादा से ज्यादा यही कह सकते हैं कि वे ही या समान मनोराग पहले वक्तृता और फिर गीति...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०३१३:०३, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,६४६ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/५० →अशोधित: 'अध्याय ५ परिस्थिति परिवर्त्तित हो गई है । ऐसा इसलिए क्योंकि परिवर्तन की विभावना किसी भी प्राकृतिक गोचरवस्तु की श्रेणी पर लागू है। इसका अर्थ-मात्र निरंतर नवीन किंतु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०२१३:०२, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,०८५ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४९ →अशोधित: 'साहित्य का इतिहास-दर्शन इसकी कभी उन्नति नहीं होती, यह पीछे नहीं छोड़ी जा सकती और न इसकी पुनरावृत्ति ही संभव है । डब्लू० पी० कर के मतानुसार साहित्यिक इतिहास की कोई आवश...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०२१३:०२, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,१२९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४८ →अशोधित: 'अध्याय ५ ३५ साहित्यशास्त्रीय निकष से ही संतुष्ट हो जाते हैं, जो बाहरी और ऊपरी कौशल पर ही अधिक ध्यान देने के कारण सर्वथा अपर्याप्त है, या पाठक पर कला-कृति विशेष के प्रभा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०२१३:०२, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +७,२४९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४७ →अशोधित: 'साहित्य का इतिहास वर्शन निर्देश किया जा सकता है, उसे प्रेम और ज्ञान, श्रेण्य और रूमानी आदि परस्पर व्यावर्तक विभावन-युग्मों के बीच कठोर विरोध मान कर साहित्यिक प्रवृत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १३:०११३:०१, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२१ सदस्य:अमिताभ साव No edit summary वर्तमान
- १२:५८१२:५८, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +५,८७६ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४६ →अशोधित: 'अध्याय ५ पाश्वात्य साहित्यिक इतिहास दर्शन: प्राचीन और आधुनिक साहित्यिक इतिहास क्या है ? इतिहास नामों की तालिका मात्र नहीं है। वह केवल घटनाओं और तिथियों को भी सूची नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५७१२:५७, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +४,४३९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४५ →अशोधित: '३२ साहित्य का इतिहास-दर्शन गणि ने जिस सुलोचना चरिउ खंड-काव्य की रचना की है उसकी कथा "जैन कवियों का प्रिय विषय रही है । आचार्य जिणसेन ने अपने हरिवंश पुराण में महासेन की...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५७१२:५७, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +४,९१७ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४४ →अशोधित: 'अध्याय ४ यंदहिं । चउमुंह अवर सयंभु पुष्फयंत भूवाल पहाणहिं 1 अवरोहि मि वहु सत्य वियाणहिं । विरइयाइं कव्वई णिसुणेप्पिणु । अम्हारिसह न रंजइ बुह यणु । हउ तहावि धिट्ठ पया...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५६१२:५६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +४,६०८ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४३ →अशोधित: '३० साहित्य का इतिहास-दर्शन कवि चक्कवइ पुब्वि गुणवंतउ धीरसंणु हुंत जयवंत । पुणु सम्मत्तहं धम्म सुरंगउ जेण प्रमाण गंधु किउ चंगउ । देवणंदि बहुगुण जसभूमिउ जें वायुग्ण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५६१२:५६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +४,८९१ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४२ →अशोधित: 'अध्याय ४ साहित्यिक इतिहास की प्राचीन भारतीय परंपरा पालि, प्राकृत तथा अपभ्रंश में पाल भाषा में रचित दीपवंस, महावंस आदि पुस्तकों में भारत तथा लंका के राजनीतिक • तथा धा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५६१२:५६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +१,१३० न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४१ →अशोधित: 'साहित्य का इतिहास दर्शन २८ ५। उपरिवत्, पृ० ३० ६। Bibliotheca Indica, कलकत्ता, १९१२, में F. W. Thomas द्वारा संपादित । ७। A History of Sanskrit Literature, A. B. Keith, Oxford, १६२८, १० २२२ । सं० रामावतार शर्मा, लाहौर, १९३३ ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५५१२:५५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +५,०९२ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/४० →अशोधित: 'अध्याय ३ २७ संस्कृत के सुभाषित अपने आप में, आधुनिक अर्थ में साहित्येतिहास भले न हों, 'कवि- वृत्त-संग्रह' अवश्य हैं, यह जो हमारी स्थापना है, उसके अतिरिक्त इनमें और मौखिक प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:५५१२:५५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +४,७३९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३९ →अशोधित: '२६ ४६५। सुव्रत-न० । ४६६। सुव्रतदत्त न० । ४६७ सूरिन० । ४६८ सूर्यघर-न० । ४६६। सेन्तुत न० । ४७० । सेन्दुक या सेन्दूक न० । सोढगोविन्द - -न० । ४७१। ४७२ | सोल्लोक-क०; सेल्हूक, मे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४९१२:४९, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,५५९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३८ →अशोधित: '४२५ शोभांक ० ४२६ | श्यामज-सू०; सु०; क्षेमेन्द्र के द्वारा उल्लिखित ४३० श्रीकण्ठ–क० ; शा०; न० । ४३१॥ श्रीधर --न० । ४३२॥ श्रीधरनन्दी – क०; न० । ४३३ श्रीपति न० । ४३४ संकेत न० ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४९१२:४९, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +३,१८५ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३७ →अशोधित: '२४ ३६५। ३९६ । ३६७। ४०० ४०१ । वैनतेय न० । व्याडि——आफ्रेख्त चार व्याडियों का उल्लेख करते हैं; न० । (कविराज) व्यास -- श्रीधरदास के पिता वटुदास की स्तुति करते हैं, अतः सेनवंश...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४८१२:४८, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +३,१७७ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३६ →अशोधित: '३५९ वाचस्पति-क०; न० । ३६०। वाच्छोक या वाछोक या वाञ्छोक; न० । · ३६१। वाञ्छाक–उपरिवत्; न० । ३६२। वातोक–क०; न० । ३६३। वापीक-न० । ३६४। वामदेव-० । ३६५ । वामन–सू०; काश्मीरनरेश ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४८१२:४८, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +३,१४३ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३५ →अशोधित: '२२ साहित्य का इतिहास-दशन ३२३| रुद्रट या रुद्र - शृङ्गारतिलक के रचयिता; पीटरसन के अनुसार काव्यालंकार के रचयिता; कृतियों के संबंध में विद्वानों में मतभेद । ३२४ रुद्रनन्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४६१२:४६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +३,६३२ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३४ →अशोधित: '२६२। मान्दोक-न० । २६३ मार्जार –क०; न० । २६४ मालोक-न० । २९५ (श्री) मित्र ——न० । २९६ | मुञ्ज–क० ; शा०; सु०; सू०; दसवीं शताब्दी के अंत के; धारा-नरेश भोज के पूर्वाधिकारी । २६६। मु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४६१२:४६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,८९३ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३३ →अशोधित: '२० साहित्य का इतिहास वर्शन २५६। भास-सु; शा०; सू०; कालिदास के पूर्ववर्त्ती, स्वप्नवासवदत्ता आदि के रचयिता; यद्यपि समय तथा कृतियों के संबंध में बहुत मतभेद । २५७। २५८ भास...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४६१२:४६, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +३,२६८ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३२ →अशोधित: '• २२०। प्राज्ञभूतनाथ - न० २२१ । प्रियाक न० । २२२ । २२३। २२४। बलदेव-० । प्रियंवद - न० । बन्धसेन -० । । बलभद्र-न० । बा० –क० ; सू०; सु०; शा०; प्रसिद्ध । वाह लीक न० । २२५। २२६ | २२७ |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४५१२:४५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,७१२ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३१ →अशोधित: '१८ १८४१ १८५। १८६। नौलिक, संभवतः लौलिक न० । पजोक-न० । १८७१ १८८५ पञ्चतन्त्रकृत्, विष्णुशर्मा सु० । १८६॥ पञ्चमेश्वर, शुद्ध रूप परमेश्वर न० । नीलाम्बर - न० 1 नीलोक-न० । १९०।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४५१२:४५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,९२६ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३० →अशोधित: '१४८। १४६ | १५०। १५१। द्वैपायन-न० । दूनोक–१४१ संख्याक दनोक । देवबोध – सू०; शा०; ऑफेस्त के अनुसार संभवतः ज्ञानदीपिका, महाभारततात्पर्यं टीका और याज्ञवल्क्यस्मृति टीका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४५१२:४५, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,५१९ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/२९ →अशोधित: 'साहित्य का इतिहास-दर्शन ११२। जयादित्य-पीटरसन ( सु० ) के अनुसार वामन की काशिकावृत्ति के सह-लेखक । ११३। जयोक न० । ११४ जियोक, संभवतः ११३ ही न० । ११५। जलचंद्र न० । ११६। जहनु०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:४४१२:४४, ११ फ़रवरी २०२४ अंतर इतिहास +२,६८६ न पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/२८ →अशोधित: '+ ७६। ७७ । ७८ ७६ गदाधरनारायण-न० । [501] गाङ्गोक–० । ८१ ८२ | ८३ | ८४ | ८५ | ८६ | ९६ । ९७१ गदाधर न० । गदाधरवैद्य या वैद्यगदाधर या वैद्य - इनके पुत्र वज्रसेन ने ११वीं या १२वीं शताब्दी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
२७ मई २०२३
- १२:२९१२:२९, २७ मई २०२३ अंतर इतिहास +९ पृष्ठ:23.3 DU BAH हिंदी कविता प्रश्न पत्र.pdf/१ No edit summary
१५ जुलाई २०२२
- २२:०१२२:०१, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +४,२१८ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२३३ →अशोधित: 'पत्र : खेड़ाकी स्थितिके सम्बन्धमें २०३ जबरदस्त दबाव डाले जानेके कारण लगानकी पहली किस्त चुका दी है, और कुछने तो एक ही साथ दोनों किस्तें चुका दी है। इसके लिए बहुतोंको अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २२:००२२:००, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +४,८७६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२३२ →अशोधित: '२०२ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय यह तय किया कि ३५ फीसदी इजाफेकी माँग उचित है, और मजदूरोंको इतना इजाफा माँगनेकी सलाह देनी चाहिए। मजदूरोंको यह सलाह देनेसे पहले उन्होंने मालि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५९२१:५९, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +६,०५१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२३१ →अशोधित: '१२८. अहमदाबादके मिल-मजदूरोंकी हड़ताल फरवरी २६, १९१८ पत्रिका ११ तारीख २२ फरवरीसे यह तालाबन्दी [ लॉक आऊट ] शुरू है, और उसी दिनसे बुनाई विभागके कारीगरोंके पास कोई काम नहीं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५९२१:५९, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +४,७४१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२३० →अशोधित: '२०० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय अनुमान किसी तरह कम है। आप जानते हैं कि सरकारी अन्दाजमें भी बादमें घटा-बढ़ी की गई है। और यह कैसे कहा जा सकता है कि काफी ठोस रियायतें दी गई हैं;...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५८२१:५८, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +४,०२८ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२९ →अशोधित: 'पत्र : गो० कृ० देवधरको देंगे। मैं जल्दी इसलिए कर रहा हूँ कि मैंने, संभव हो तो, अपने इस सलाह-मशविरेका परिणाम, अधिकसे-अधिक बुधवार तक मजदूरोंको बता देनेके लिए कहा है। मो० क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५८२१:५८, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +५,७३६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२८ →अशोधित: '१२५. पत्र : गोरधनदास पटेलको [ साबरमती ] फरवरी २०, १९१८ प्रिय श्री गोरधनभाई, पूज्य अनसूयाबहन, भाई शंकरलाल बैंकर और मैं अभी-अभी जुलाहोंकी सभामें से आये हैं। जुलाहोंने कहा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५७२१:५७, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +४,६३४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२७ →अशोधित: '१२४. पत्र : फ्लॉरेंस ए० विंटरबॉटमको [प्रिय कुमारी विटरबॉटम, ] मैंने तुम्हें हफ्तोंसे पत्र नहीं लिखा, पर इसका कारण तुम जानती ही हो । यहाँ के अपने कामके बारेमें कुछ लिखने...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५७२१:५७, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +३,८७७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२६ →अशोधित: 'सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय निराशाकी ध्वनि सुनाई देती है। मुझे तो लगता है कि हम आज भी पहलेकी भाँति अपने कर्मसे लोगों को इतना प्रभावित कर सकते हैं जितना अपने भाषणों और लेखो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५७२१:५७, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +७,२६९ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२५ →अशोधित: 'भाषण : भगिनी समाज, बम्बईमें १९५ शक्तिमें अपना अविश्वास छोड़ सकें तो यह कार्य कुछ कठिन नहीं है। मैं कहता हूँ कि हमारे देशके स्त्री-पुरुष अंग्रेजी भाषा पढ़ने के लिए कम स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५७२१:५७, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +७,७५४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२४ →अशोधित: '१९४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय विशेष ज्ञान प्राप्त करनेका निषेध रहे। बल्कि यह कि शिक्षा क्रम इन मुद्दोंको ध्यानमें रखकर तैयार न किया जायेगा तो दोनों ही वर्गोको अपने-अपन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५६२१:५६, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +७,४१४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२३ →अशोधित: 'भाषण : भगिनी समाज बम्बईमें १९३ जाती हैं और हमारे बहुतसे कार्योंका पूरा परिणाम नहीं निकलता । हमारी स्थिति उस अदूरदर्शी व्यापारीकी स्थिति जैसी है जो आधी पूंजीसे व्याप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- २१:५६२१:५६, १५ जुलाई २०२२ अंतर इतिहास +७,६२१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२२२ →अशोधित: '१९२ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय आधुनिक सती-साध्वियोंकी भी पूजा करेंगे । हिन्दू उनके वचनोंको शास्त्र-वचनोंके समान प्रमाण मानकर ग्रहण कर लेंगे और स्मृति आदि शास्त्रों में...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं