पृष्ठ:साहित्य का इतिहास-दर्शन.djvu/३५

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२२ साहित्य का इतिहास-दशन ३२३| रुद्रट या रुद्र - शृङ्गारतिलक के रचयिता; पीटरसन के अनुसार काव्यालंकार के रचयिता; कृतियों के संबंध में विद्वानों में मतभेद । ३२४ रुद्रनन्दी न० । ३२५ रूपदेवन० । ३२६।

लक्ष्मणसेन- शा०; सेनवंश के वंगनरंश; श्रीधरदास के प्रतिपालक प्रसिद्ध । ३२७ । लक्ष्मीघर–कदाचित् शार्ङ्गधर के भाई । (वाणीकुटिल) लक्ष्मीधर न० । ३२८ ३२६। लङ्गदत्त न० । ३३०। लडहचन्द्र न० । ३३१। लडूक सु०; शा०; न० । ३३२॥ ललितोक-क०; न० । लोपामुद्राकवि न० । न० 1 ३३३। ३३४ लोष्टसर्वज्ञ ३३५ लोलिक ० । ३३६। वङ्गालन० । ३३७ वटेश्वर न० । ३३८ वनमाली ० । ३३६ वररुचि सु०; शा०; सू०; पीटरसन के अनुसार वालिंककार, किंतु मनभेद । वराह-ऑफेख्त के अनुसार वराहमिहिर । ३४० ३४१। वराहमिहिर–क०; छठी शताब्दी । ३४२ वर्द्धमान सू०; न० | ३४३ वल्लन या वल्लण न० 1 ३४४ | वल्लम–सु० ; सू; शा० उत्प्रेक्षावल्लभ या भट्टवल्लभ से भिन्न ; न० । ३४५ वल्लाल सेन ——–शा०; लक्ष्मणसेन के पिता, दानसागर और अद्भुतसागर के रचयिता । ३४६। वसन्तदेव-० । ३४७। वसुकल्प – क० ; न० | ३४८| वसुकल्पदत्त न० 1 ३४९| वसुन्धर – शा० ; सू०; न० । ३५०१ वसुभाग-० । ३५१। वसुरथ --न० | ३५२ | वसुसेन–न० । ३५३। वाक्कूटक० ; सू०; न० । ३५४ वाक्कोक न० । ३५५ वाक्पतिक०; सु०; शा०; संभवतः वाक्पतिराज | ३५६। वाक्पतिराज–क०; ७वी ८वीं शताब्दी के, गौडवह के रचयिता हर्षदेव के पुत्र, यशोवर्मा के समकालीन । ३५७। वागुर-क०; न० । ३५८ वाग्वीण न० ।