३० साहित्य का इतिहास-दर्शन कवि चक्कवइ पुब्वि गुणवंतउ धीरसंणु हुंत जयवंत । पुणु सम्मत्तहं धम्म सुरंगउ जेण प्रमाण गंधु किउ चंगउ । देवणंदि बहुगुण जसभूमिउ जें वायुग्णु जिणिदुं पयामिउ । वज्जसूउ सुपसिद्धउ मुणिवरु जें णयमाणुगंथु किउ सुंदरू | मुणि महेसणु सुलोयणु जेणव पउमचरिउ मुणि रविसेणेण वि । जिणसेणे हरिवंसु पवितुवि जडिल मुणीण वरंगचरितु वि । दिणयरसेणे चरिउ अणंगहु पउममेण आयरियड पसंगहु अंधसेणु जें अमिया राहणु विडय दोम विवज्जिय सोहणु । जिण चंदप्पह चरिउ मनोहरु पावरहिउ धणमत्तु ससुंदर | अण्गमि किय इंमांड तुह पुत्तइ विग्हसेण रिसर्हण चरितई । सीहणंदि गुरवें अणुपैहा परदेवेवेणवकांतु सुणंहा । दिद्धसेणु जॅ गेए आगउ भविय विणांउ पयासिउ चंगउ । रामणंदि जं विविह पहाणा जिणसामणि बहु रहय कहाणा । असगु महाकड जैसुमणोहरु वीर जिगिंदु चरिउ किउ सुंदरु । कित्तिय कहमि सुकइ गुण आयर गंय कव्व जहि विरइय सुंदरु । सणकुमारु जॅ विश्यउ मणहरु कय गोविंद पवरु संयंवरु | तह वक्खइ जिणरक्विय सावउ जें जय धवलु मुवणि विक्खाइउ । • सालिहद्द कि कइ जीय उदउ लोयइ चहुमुहुँ दोणु पसिद्धउ । नयनंदी के सकलविधिनिधान" नामक खंड-काव्य में संस्कृत, प्राकृत तथा अपभ्रंश के अनेक प्राचीन और समसामयिक कवियों की नामावली प्राप्य है :-- मणु जण्ण वक्कु वम्मीउ वासु वररूड वामणु कवि कालियासु । कोऊहलु वाणु मऊ सूरु जिणसेण जिणागम कमल सूरु । वारायणवरणाउ विवियददु सिरि हरिसु राय सेहरु गुणददु । जसइंधु जए जयराम णामु जय देउ जणमणाणंद कामु । पालित्तउ पाणिणि पवरसेणु पायंजलि पिंगलु वीरसेणु । सिरि सिंहणंदि गुणसिंह भदु गुणभद्दु गुणिल्लु समंतभदु । अकलंकु विसम वाईय विहंडि कामदु रुदु गोविंद दंड़ि | भम्मुइ भारहि भरहुवि महंतु चउमुहु सयंभु कइ पुष्फयंतु । सिरि चदु पहाचंदु वि विवुह गुण गण णंदि मणोहरु । कइ सिरि कुमारु सरसइ कुमरु कित्ति विलासिणि सेहरु । देवसेनगणि ने भी अपने खंड-काव्य सुलोचना चरिउ' में प्रसिद्ध पूर्ववर्ती कवियों का उल्लेख किया है:- जहि वम्मिय वास सिरि हरिसहि । कालयास पमहइ कय हरिसहि । वाण मयूर हुलिय गोविंददिहि ।
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