वैदेही-वनवास  (1939) 
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

बनारस: हिंदी साहित्य कुटीर, पृष्ठ मुखपृष्ठ से – विषय-सूची तक

 
वैदेही-वनवास
(करुणरस प्रधान महाकाव्य)
लेखक
साहित्यवाचस्पति, साहित्यरत्न, कविसम्राट
पण्डित अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
प्रकाशक
हिन्दी - साहित्य - कुटीर
बनारस
प्रथम संस्करण } वसंत पञ्चमी, १९९६ वि० { मूल्य २१)

प्रकाशक

हिन्दी-साहित्य - कुटीर
बनारस






'आगरा में हमारी पुस्तकों के मिलने का पता-
साहित्य - रत्न- भंडार
५३ ए, सिविल लाइन्स, आगरा






मुद्रक

ना० रा. सोमण

श्रीलक्ष्मीनारायण प्रेम, काशी

समर्पण
महर्षिकल्प, महामना, परमपूज्य कुलपति
श्रीमान् पंडित मदनमोहन मालवीय

के

पवित्र करकमलों में सादर
समर्पित

विषय-सूची

सर्ग विषय पृष्ठ
प्रथम सर्ग उपवन १-१७
द्वितीय सर्ग चिन्तित चित्त १८-३१
तृतीय सर्ग मंत्रणा गृह ३२-५५
चतुर्थ सर्ग वशिष्ठाश्रम ५३-६६
पंचम सर्ग सती सीता ६७-७८
षष्ठ सर्ग कातरोक्ति ७९-९७
सप्तम सर्ग मंगल यात्रा ९८-११३
अष्टम सर्ग आश्रम प्रवेश ११४-१२६
नवम सर्ग अवध धाम १२७-१४३
दशम सर्ग तपस्विनी आश्रम १४४-१५९
एकादश सर्ग रिपुसूदनागमन १६०-१७९
द्वादश सर्ग नामकरण-संस्कार १८०-१९४
त्रयोदश सर्ग जीवन-यात्रा १९५-२१४
चतुर्दश सर्ग दाम्पत्य-दिव्यता २१५-२४७
पंचदश सर्ग सुतवती सीता २४८-२६३
षोडश सर्ग शुभ संवाद २६४-२७६
सप्तदश सर्ग जन-स्थान २७७-२९४
अष्टादश सर्ग स्वर्गारोहण २९५-३०६
 

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