अंजली राजभर के सदस्य योगदान
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२४ जनवरी २०२५
- १६:३४१६:३४, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,७०७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४५२ →अशोधित: '________________ ४२० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय (४) यदि आपको अपने विदेशी कपड़े छोड़ देनेकी हिम्मत न हो तो आप उन्हें घरपर छोटे-मोटे काम करते समय पहनकर फाड़ डालें; पर घरसे बाहर कभी विद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३४१६:३४, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,१४१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४५१ →अशोधित: '________________ २०१० टिप्पणियाँ इन स्थितियोंमें आप क्या करें ? यदि आप बुनकर हैं और अपने देश, खिलाफत और पंजाबके बारेमें सोचते हैं तो - (१) आपको केवल हाथ-कते सूतका ही कपड़ा बुनना च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३३१६:३३, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,७०७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४५० →अशोधित: '________________ ४१८ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय बरसी मनानेको इकट्ठे हुए हैं। उन्होंने हमें स्वराज्यके महामन्त्रकी वीक्षा दी थी। स्वराज्य पानेके लिए सबसे आसान और सम्भव उपाय स्व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३३१६:३३, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,६२८ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४९ →अशोधित: '________________ १९९. भाषण : पूनाकी सार्वजनिक सभामें' २० जुलाई, १९२१ कैम्पकी एक आम सभामें बोलते हुए महात्मा गांधीने कहा कि विदेशसे अंगुल-भर कपड़ेका आयात नहीं होना चाहिए। कुछ जम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३२१६:३२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +३,५७१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४८ →अशोधित: '________________ ४१६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय भारतमें यही चलन रहा है। और जब जनता सरकार, ठेकेदारों तथा पियक्कड़ोंके चंगुल में पड़ जाये तो परिस्थिति विषम तो होनी ही है; इसे टाला नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३११६:३१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,१९२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४७ →अशोधित: '________________ भाषण : बम्बई में शराब के ठेकेदारोंके समक्ष ४१५ श्री गांधीने अपने भाषणके अन्त में शराबके ठेकेदारोंसे अपील की कि उनको ऐसे समय में देशके प्रति अपना कर्तव्य पूरा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३११६:३१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,२१० न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४६ →अशोधित: '________________ ४१४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय शान्त बनाये रखने के लिए हर कोशिश की थी; अलबत्ता उन्होंने 'नाक रगड़ने' से इनकार कर दिया था और लोगों में उत्साह बनाये रखनेका प्रयत्न कि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३११६:३१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,४८२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४५ →अशोधित: '________________ भाषण: बम्बई में शराबके ठेकेदारोंके समक्ष ४१३ चाहिए। बढ़िया महीन कपड़ोंके लिए आपको जापान, फ्रांस और चीनकी तरफ नहीं देखना चाहिए। आप सभीको हिन्दुओं और मुसलमान...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३०१६:३०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,९२४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४४ →अशोधित: '________________ ४१२ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय देशकी इज्जतको महफूज रखा था । ऐश-आरामको जिन्दगी बसर करनेवाले लोग जेलकी जिन्दगी बरदाश्त नहीं कर पायेंगे, क्योंकि उनको वहाँ दिनमें द...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३०१६:३०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,५८५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४३ →अशोधित: '________________ भाषण : बम्बईकी मुसलमान महिलाओंके समक्ष ४११ लेकिन इस हफ्ते के 'यंग इंडिया ' में बेगार' और स्त्रियोंकी स्थिति के सम्बन्धमें अग्रलेख रहेंगे। मैंने इस मामलेमें ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:३०१६:३०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,९३४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४४२ →अशोधित: '________________ ४१० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय माल करते हैं। दुनियाके किसी भी देशमें, जापान तकमें, इतने कुशल बुनकर नहीं हैं। जितने कि हमारे पास है। मैं खुद एक बुनकर हूँ और मुझे इसप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२९१६:२९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,६४९ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३७ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ४०५ भी नहीं है। मैं मानता हूँ कि ऐसे कार्योंसे मर्यादा भंग होती है। हम भगवान् श्रीकृष्णको पूर्ण पुरुषोत्तम के रूपमें देखते हैं। हम उनको ईश्वरका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२९१६:२९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,३२६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३६ →अशोधित: '________________ ४०४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय यह मैं स्वीकार करता हूँ । किन्तु यह असर जितना हिन्दुओं और मुसलमानोंपर हुआ है उतना ही पारसियोंपर भी हुआ है । किन्तु उन्होंने जो फेरफ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२९१६:२९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,२३१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३५ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ४०३ हो जायें तो समझना चाहिए कि देशने असहयोगका त्याग कर दिया है । ये दोनों परस्पर विरोधी बातें हैं । यदि दंगे-फसाद होंगे तो बदमाश लोग एक क्षणके लिए ऐ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२८१६:२८, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,४१२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३४ →अशोधित: '________________ ४०२ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय मुझे आशा है कि अन्य मिल-मालिक भी श्री अम्बालालका अनुकरण कर स्वदेशी आन्दोलनमें सहायक होंगे । कपड़े के व्यापारियोंने तो मुझे यहाँतक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२८१६:२८, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,४३६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३३ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ४०१ फेरफार भले ही हो, किन्तु सभीके सिरोंपर टोपी एक ही तरहकी हो इस बातका ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए । अन्तमें निर्णय एक ही होना चाहिए कि केवल खादीकी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२८१६:२८, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,४३४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३२ →अशोधित: '________________ ४०० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय अली भाइयोंपर आरोप एक भाई लिखते हैं कि वे जब जूनके महीने में [ तिलक स्वराज्य-कोष के लिए ] रुपया इकट्ठा कर रहे थे तब उन्होंने अली भाइयों...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२७१६:२७, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,५१५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३१ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ३९९ सितम्बर से मैंने लगभग प्रत्येक सभामें विदेशी कपड़ेके त्यागकी बात कही है। जो अनुचित धंधा करते हैं, जो व्यसनी हैं, जो व्यभिचारी हैं, जो अन्त्यजो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२७१६:२७, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,९४३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४३० →अशोधित: '________________ १९१. व्यापारी क्या करें ? जो व्यापारी विदेशी माल बेचते हैं वे उसे कहाँ फेंक दें ? वे भिखारी बन जायें तो देशका क्या होगा ? क्या उन्हें नोटिस नहीं मिलना चाहिए ? विदे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १६:२६१६:२६, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,५३७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२९ →अशोधित: '________________ जलायें किसलिए ? ३९७ हूँ कि विदेशी कपड़ेके सम्बन्धमें हमें धोखा देनेकी किसीकी हिम्मत न हो। इसीसे अगर हम पहली अगस्तको पहनने योग्य सभी विदेशी कपड़ोंको जला डाले...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५३०४:५३, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,१८२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२८ →अशोधित: '________________ ३९६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय खिलाफत समितिका सदस्य बनना चाहिए और स्मरनाके पीड़ित लोगोंकी सहायताके लिए खुले हाथों चन्दा देना चाहिए, अन्यथा अंकाराकी टर्की सरका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५२०४:५२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,४७५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२६ →अशोधित: '________________ ३९४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय साहस किया था। कम्पनीका मैनेजर इसको बरदाश्त नहीं कर पाया और चूँकि नवयुवक कशालकर झुकने के लिए तैयार नहीं हुआ, इसलिए उसे बरखास्त कर दि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५२०४:५२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,२१५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२५ →अशोधित: '________________ भाषण : बम्बई में स्वदेशीपर ३९३ ही में लौटे दो भारतीय नवयुवक आये थे । उनमें एक बंगाली था और दूसरा पारसी । दोनों बड़े सच्चे दिलसे बातें कर रहे थे। मैंने उनके कई सव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५२०४:५२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,४३५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२४ →अशोधित: '________________ १८८. भाषण : बम्बई में स्वदेशीपर १६ जुलाई, १९२१ श्री गांधीने कहा : हमने जिन बड़े-बड़े कामोंका बीड़ा उठाया था उनमें से एक पूरा हो गया है, लेकिन अभी एक बड़ा और कहीं म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५१०४:५१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +३,६५६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२३ →अशोधित: '________________ सन्देश : अलीगढ़की जनताको ३९१ है और लक्ष्यकी ओर हमारी गतिका वेग बढ़ रहा है, उस दिन तो खुशी मनानी चाहिए। स्वर्गवासी देशभक्त (लोकमान्य) की स्मृतिमें उस दिन शोक मन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५००४:५०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,३३२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२२ →अशोधित: '________________ १८५. स्वदेशी व्रत' [१६ जुलाई, १९२१ के पूर्व ] मैं, निम्न हस्ताक्षरकर्त्ता, अन्तःकरणपूर्वक तथा ईश्वरको साक्षी करके प्रतिज्ञा करता हूँ कि १ अगस्त, १९२१; सम्वत् १९...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५००४:५०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +२,८९८ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२१ →अशोधित: '________________ सन्देश : जनताके नाम ३८९ विट्ठलभाईके साथ फिरसे खूब बातें हुईं, यह मणिवेन या डाह्याभाईसे कहिये । मैं मानता हूँ कि विट्ठलभाई अब चरखेका महत्त्व कुछ अधिक समझते है...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:५००४:५०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +३,००० न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४२० →अशोधित: '________________ १८२. पत्र : मणिबेन पटेलको बम्बई चि० मणि, शुक्रवार, १५ जुलाई, १९२१ तुम्हारे पत्रका लम्बा उत्तर देनेको जी करता है । परन्तु उतना समय नहीं है । अब रातके ११ बजेंगे। प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४९०४:४९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +३,८४७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४१९ →अशोधित: '________________ पत्र: एक संवाददाताको ३८७ उनके उद्देश्यकी पवित्रता बढ़ जाती है। इस कारण सरकारी दमनसे भयभीत हुए बिना हमको अपने लक्ष्यकी ओर बढ़ते रहना चाहिए। मुझे यह भी मालूम ह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४९०४:४९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,४४६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४१४ →अशोधित: '________________ ३८२ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय रहा हो तब विदेशी निर्माताओं तथा भारतीय आयातकोंके हितोंपर विचार नहीं किया जा सकता । आप इसे विदेशी मालका आम बहिष्कार करनेवाला आन्दो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४५०४:४५, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,६३२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४१३ →अशोधित: '________________ पत्र : भारतके अंग्रेजोंके नाम ३८१ विश्वास कीजिए, भारतमें आपके उच्चतम अधिकारियोंने १९१९ में इस सिद्धान्त की घोषणा की थी । मैं आपसे यह कहने के लिए लालायित हूँ क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४५०४:४५, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,५६१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४१२ →अशोधित: '________________ ३८० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय शासन प्रणालीसे घृणा कर सकते हैं, तब मेरे कुछ भारतीय मित्र मुझपर कपटाचारका दोष मढ़ते हैं। मैं उन्हें यह बताने की कोशिश कर रहा हूँ कि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४५०४:४५, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,६८६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४११ →अशोधित: '________________ पत्र : भारत के अंग्रेजोंके नाम ३७९ नहीं है ? अंग्रेजोंको सर्वथा उन्हीं शर्तोंपर यहाँ रहनेके लिए तैयार रहना चाहिए जिन शर्तोंपर पारसी रहते हैं। पारसी संख्यामे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४४०४:४४, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +७,२०३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४१० →अशोधित: '________________ ३७८ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय अत्याचार किये हैं । मेरे लेखे तो इन दोनों अत्याचारोंका प्रतिकार करना उत्तरदायित्व की सबसे बड़ी कसौटी है । खिलाफत के प्रति जो अन्य...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४४०४:४४, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,२७५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०९ →अशोधित: '________________ दण्ड स्वीकार करें। किन्तु मेरी संयम इस समयतक हममें है, रिसता हुआ घाव ३७७ समझमें वह समय अभी नहीं आया है। जितना आत्म- उससे बहुत अधिक आत्मसंयम हमें सीखना होगा । ह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४४०४:४४, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,०११ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०८ →अशोधित: '________________ ३७६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय लॉर्ड सिन्हाकी भूमिमें शायद उड़ीसा भारतमें सबसे गरीब प्रान्त है । वहाँ के निवासी बहुत ही सीधे और भोले हैं। 'समाज' उत्कलका एक समाचार...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४३०४:४३, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,७३३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०६ →अशोधित: '________________ ३७४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय मध्यप्रान्तकी सरकार मुझपर एक भाषणके लिए मुकदमा चला रही है जो मैंन १२ मार्च, १९२१ को बिलासपुर सम्मेलन में दिया था, जबकि सरकारके गृह-...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४३०४:४३, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,२३६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०५ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ शस्त्र अधिनियम ३७३ स्वामी श्रद्धानन्द एक घटना प्रकाशमें लाये हैं कि बिजनौर जिले के एक मजिस्ट्रेट- ने गुरुकुल कांगड़ी के सहायक प्रबन्धककी बन्दू...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४३०४:४३, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,९७३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०४ →अशोधित: '________________ ३७२ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय देशके लिए घातक हो, हमारी जान ही क्यों न कभी स्वीकार नहीं करेंगे, चाहे उसे अस्वीकार करने में चली जाये । यही असहयोग है । अनुकरणीय श्री...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४२०४:४२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,३८२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०३ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ३७१ यूरोपीय द्वारा एक खानसामाके मारे जाने और अदालत द्वारा उसपर ३००) रु० जुर्माना किये जानेका जिक्र था । टिप्पणी, जिसपर ऐतराज किया गया है, सचमुच कड...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४२०४:४२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,३७३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०२ →अशोधित: '________________ ३७० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय निर्बलका अस्त्र ही नहीं, अपितु बलवानका अस्त्र भी मानने लगा हूँ । किन्तु में यह स्वीकार करना चाहता हूँ कि कई वर्षोंतक मेरा विश्वास इ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४२०४:४२, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,३९० न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०१ →अशोधित: '________________ - टिप्पणियाँ -- ३६९ • का याचना कर लूँगा; किन्तु 'इंडिपेन्डेन्ट' के संवाददाताका विवरण तथ्योंसे मेल नहीं खाता और तथ्योंसे जितना निष्कर्ष निकल सकता है उससे कहीं अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४१०४:४१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,९४२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४०० →अशोधित: '________________ ३६८ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय बहुत सोच-समझकर अहिंसात्मक असहयोगका मार्ग चुना है; मैं उससे उसे तनिक भी न हटने देनेमें कोई प्रयत्न उठा नहीं रखूँगा । अली बन्धुओंके भ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४१०४:४१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,४६३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९९ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ३६७ दोनोंको अपना दुश्मन समझने लगे। खासकर इसलिए कि इन लोगोंने कबायलियों को दबाने में अंग्रेजों की मदद की थी । पत्र लेखकका, जो स्थितिको बहुत नजदीकस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४१०४:४१, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,६०७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९८ →अशोधित: '________________ ३६६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय कहा कि जो लोग २० सालसे ज्यादा अरसे से इस व्यापार में लगे हुए हैं अब उनके लिए इस व्यवसायको छोड़ना कैसे सम्भव होगा ? मेरी समझ में शान्त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४००४:४०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,१७७ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९७ →अशोधित: '________________ भाषण : बम्बई में शराब-बन्दीपर ३६५ ३२ करोड़ लोगोंको उनके कर्तव्यका आदेश देना सम्भव नहीं है । मैं तो केवल सलाह दे सकता हूँ और रास्ता दिखा सकता हूँ। इस बीच शराबके...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:४००४:४०, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,३४४ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९६ →अशोधित: '________________ ३६४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय अपना यह व्यापार बन्द कर देंगे। क्या इस देशके लिए तबतक रुकना सम्भव है ? यदि एक चोर या व्यभिचारी यह कहे कि वह अपने व्यसनको कुछ दिनमें छ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:३९०४:३९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +६,०६२ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९१ →अशोधित: '________________ १७०. भाषण : दवा विक्रेताओंको सभा, बम्बईसें १० जुलाई, १९२१ कितने लोग विदेशी कपड़े के बहिष्कारकी प्रतिज्ञा लेनेवाले हैं- इस लोभसे खिचकर मैं यहाँ आया हूँ । विदेशी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:३९०४:३९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +५,३५८ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९० →अशोधित: '________________ ३५८ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय हैं कि आप चीजोंको इतने सुन्दर ओर करना चाहते हैं " । ढंग से प्रस्तुत करके अपने विरोधियोंको भी अपनी इस पत्र लेखककी बात में अर्धसत्य है...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०४:३९०४:३९, २४ जनवरी २०२५ अंतर इतिहास +४,२१६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३८९ →अशोधित: '________________ टिप्पणियाँ ३५७ कंगाल क्यों न हो? इस स्थितिसे उबरनेका उपाय यही है कि हम हाथसे कते सूतके ही कपड़े पहननेकी प्रतिज्ञा करें। ऐसा करेंगे तो हमें अपनी गरजसे चरखा चल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं