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'यार के पास।' उसने छूटते ही कहा। बेला के सहवास में आने पर अपनी लघुता को जानते हुए मसोसकर भूरे ने कहा-'तू खून कराये बिना चैन न लेगी।' बेला की आँखों में गोली का और उसके परिवर्धमान प्रेमांकुर का चित्र था, जो उसके हट जाने पर विरह-जल से हरा-भरा हो उठा था। बेला पलाश के जंगल में अपने बिछुड़े हुए प्रियतम के उद्देश्य से दो-चार विरह-वेदना की तानों की प्रतिध्वनि छोड़ आने का काल्पनिक सुख नहीं छोड़ सकती थी। उस एकान्त सन्ध्या में बरसाती झिल्लियों की झनकार से वायुमण्डल गूंज रहा था। बेला अपने परिचित पलाश के नीचे बैठकर गाने लगी चीन्हत नाहीं बदल गये नैन... ऐसा मालूम होता था कि सचमुच गोली उस अन्धकार में अपरिचित की तरह मुँह फिराकर चला जा रहा है। बेला की मनोवेदना को पहचानने की क्षमता उसने खो दी है। बेला का एकान्त में विरह-निवेदन उसकी भाव-प्रवणता को और भी उत्तेजित करता था। पलाश का जंगल उसकी कातर कुहुक से गूंज रहा था। सहसा उस निस्तब्धता को भंग करते हुए घोड़े पर सवार ठाकुर साहब वहाँ आ पहुँचे। 'अरे बेला! तू यहाँ क्या कर रही है?' । बेला की स्वर-लहरी रुक गयी थी। उसने देखा ठाकुर साहब! महत्त्व का सम्पूर्ण चित्र, कई बार जिसे वह अपने मन की असंयत कल्पना में दुर्गम शैल-श्रृंग समझकर अपने भ्रम पर अपनी हँसी उड़ा चुकी थी। वह सकुचकर खड़ी हो रही। बोली नहीं, मन में सोच रही थी -'गोली को छोड़कर भूरे के साथ रहना क्या उचित है? और नहीं तो फिर...' ठाकुर ने कहा-'तो तुम्हारे साथ कोई नहीं है। कोई जानवर निकल आवे, तो?' बेला खिलखिलाकर हँस पड़ी। ठाकुर का प्रमाद बढ़ चला था। घोड़े से झुककर उसका कन्धा पकड़ते हुए कहा, 'चलो, तुमको पहुँचा दें।' उसका शरीर काँप रहा था, और ठाकुर आवेश में भर रहे थे। उन्होंने कहा-'बेला, मेरे यहाँ चलोगी?' 'भूरे मेरा पति है!' बेला के इस कथन में भयानक व्यंग्य था। वह भूरे से छुटकारा पाने के लिए तरस रही थी। उसने धीरे से अपना सिर ठाकुर की जाँघ से सटा दिया। एक क्षण के लिए दोनों चुप थे। फिर उसी समय अंधकार में दो मूर्तियों का प्रादुर्भाव हुआ। कठोर कण्ठ से भूरे ने पुकारा-'बेला!' ठाकुर सावधान हो गये थे। उनका हाथ बगल की तलवार की मूठ पर जा पड़ा। भूरे ने कहा-'जंगल में किसलिए तू आती थी, यह मुझे आज मालमू हुआ। चल, तेरा खून पिये बिना न छोडूंगा।' ठाकुर के अपराध का आरम्भ तो उनके मन में हो ही चुका था। उन्होंने अपने को छिपाने का प्रयत्न छोड़ दिया। कड़ककर बोले-'खून करने के पहले अपनी भी सोच लो, तम मद्म पर सन्देह करते हो. तो तम्हारा भ्रम है। मैं तो.... अब मैकू आगे आया। उसने कहा-'सरकार! बेला अब कंजरों के दल में नहीं रह