विकिस्रोत:आज का पाठ/५ जुलाई
हिन्दी साहित्य का माध्यमिककाल/वल्लभाचार्य अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित पुस्तक हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास का एक अंश है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९३४ ई॰ में पटना विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किया गया था।
"सोलहवीं ई० शताब्दी को हम हिन्दी भाषा का स्वर्णयुग कह सकते हैं। इसी शताब्दी के आरम्भ में मलिक मुहम्मद जायसी ने अपने प्रसिद्ध 'पदमावत' नामक ग्रन्थ की रचना की जो अवधी भाषा का आदिम ग्रंथ है। · इसी शताब्दी में हिन्दी-साहित्य गगन के उस सूर्य और चन्द्रमा का उदय हुआ, जिनकी आभा से वह आज तक उद्भासित है। आचार्य केशव, जो हिन्दी साहित्य के भाम और मम्मट हैं. उनका आविर्भाव भी इसी शताब्दी में हुआ और अकबर के राजत्व का वह उल्लेखनीय समय भी जो मुसल्मान साम्राज्य का उच्चतम काल कहा जाता है. इस शताब्दी का ही अधिकांश भाग है। इस शताब्दी में अवधी और ब्रज भाषा का जैसा शृंगार हुआ फिर कभी वैसा गौरव उसको नहीं प्राप्त हुआ।..."(पूरा पढ़ें)