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मोपला किसान आन्दोलन स्वामी सहजानंद सरस्वती द्वारा रचित पुस्तक किसान सभा के संस्मरण का अंश है जो १९४७ ई. में इलाहाबाद के न्यू लिटरेचर द्वारा प्रकाशित किया गया था।


"आज से, प्रायः सौ-सवासौ साल पहले वाले किसान-संघर्षों एवं आन्दोलनों का वर्णन मिलता है। अतः हम उन्हीं से शुरू करते हैं। इसमें सबसे पुराना मालाबार के मोपला किसानों का विद्रोह है, जो १८३६ में शुरू हुआ था। कहने वाले कहते हैं कि ये मोपले कट्टर मुसलमान होने के नाते अपना आन्दोलन धार्मिक कारणों से ही करते रहे हैं। असहयोग-युग के उनके विद्रोह के बारे में तो स्पष्ट ही यही बात कही गयी है। मगर ऐसा कहने-मानने वाले अधिकारियों एवं जमींदार-मालदारों के लेखों तथा बयानों से ही यह बात सिद्ध हो जाती है कि दरअसल बात यह न होकर आर्थिक एवं सामाजिक उत्पीड़न ही इस विद्रोह के असली कारण रहे हैं और धार्मिक रंग अगर उन पर चढ़ा है तो कार्य-कारणवश ही, प्रसंगवंश ही। १९२० और १९२१ वाले विद्रोह को तो सबों ने, यहाँ तक कि महात्मा गांधी ने भी, धार्मिक ही माना है।..."(पूरा पढ़ें)