विकिस्रोत:आज का पाठ/१८ जुलाई
हिन्दी साहित्य का माध्यमिककाल/मीरा अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित पुस्तक हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास का एक अंश है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९३४ ई॰ में पटना विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किया गया था।
"इस सोलहवीं शताब्दी में और भी कितने ही प्रसिद्ध कवि हिन्दी भाषा के हो गये हैं। उनकी रचनाओं का उपस्थित किया जाना इस लिये आवश्यक है कि जिससे इस शताब्दी की व्यापक भाषा पर पूर्णतया विचार किया जा सके। इसी शताब्दी में एक भक्त स्त्री भी कवियित्री के रूप में सामने आती हैं और वे हैं मीराबाई। पहले मैं उनकी रचनाओं को आपके सामने उपस्थित करता हूं! मीराबाई बहुत प्रसिद्ध महिला हैं। वे चित्तौड़ के राणा की पुत्रवधू थीं। परन्तु उनमें त्याग इतना था कि उन्हों ने अपना समस्त जीवन भक्ति भाव में ही बिताया। उनके भजनों में इतनी प्रवलता से प्रेम-धारा बहती है कि उससे आर्द्र हुए बिना कोई सहृदय नहीं रह सकता। वह सच्ची वैष्णव महिला थीं और उनके भजनों के पद पद से उनका धर्मानुराग टपकता है इसी लिये उनकी गणना भगवद्भक्त स्त्रियों में होती है। ..."(पूरा पढ़ें)