विकिस्रोत:आज का पाठ/१७ जनवरी
गाय भूखों क्यों मरती है? लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"मिस मेयो की पुस्तक में १७ वें अध्याय से लेकर २० वें अध्याय तक में गाय के सम्बन्ध में विचार किया गया है। १७ वें अध्याय का शीर्षक है 'मुक्ति की फौज का पाप'। परन्तु इस अध्याय के अन्त में एक पादटिप्पणी के अतिरिक्त 'मुक्ति की फौज' का कहीं उल्लेख नहीं मिलता। इसके अतिरिक्त यंग इंडिया से लिये गये एक उद्धरण में इसका थोड़ा-सा उल्लेख हो गया उस पर हम शीघ्र ही विचार करेंगे। इस अध्याय के गीत का टेक यह है कि 'हिन्दू अपने लिए भोजन उत्पन्न करते हैं परन्तु अपनी गाय माता के लिए भोजन नहीं उत्पन्न करते; इसीलिए वह भूखों मरती है।'..."(पूरा पढ़ें)