नैषध-चरित-चर्चा
गंगा-पुस्तकमाला का १३८वा पुष्प
श्रीमहावीरप्रसाद द्विवेदी
संपादक
श्रीदुलारेलाल भार्गव
(सुधा-संपादक)
गंगा-पुस्तकमाला का १३८वा पुष्प
डाॅ० धीरेन्द्र वर्मा पुस्तक संग्रह
लेखक
महावीरप्रसाद द्विवेदी
मिलने का पता-
गंगा-ग्रंथागार
३६, लाटूश रोड
लखनऊ
तृतीयावृत्ति
प्रकाशक
श्रीदुलारेलाल भार्गव
अध्यक्ष गंगा-पुस्तकमाला-कार्यालय
लखनऊ
मुद्रक
श्रीदुलारेलाल भार्गव
अध्यक्ष गंगा-फाइनआर्ट-प्रेस
लखनऊ
नया निवेदन
आज फिर कोई सोलह वर्ष बाद इस पुस्तक का यह तीसरा संस्करण निकल रहा है। इस बीच में श्रीहर्ष और उनके ग्रंथादि के विषय में किसी नई खोज का हाल लेखक को नहीं मालूम हुआ। अतएव दूसरे संस्करण में यह पुस्तक जैसी थी, वैसी ही इस संस्करण में भी प्रकाशित की जा रही है। रही भाषा की बात, सो उसमें कहीं-कहीं कुछ यों ही-सा संशोधन और परिवर्तन ज़रूर किया गया है।
दौलतपुर | महावीरप्रसाद द्विवेदी |
(रायबरेली) | |
२९ जुलाई,१९३३ ई॰ |
निवेदन
इस पुस्तक की पहली आवृत्ति निकले सोलह-सत्रह वर्ष हो गए। उसकी कापियाँ अप्राप्य हो जाने से यह दूसरी आवृत्ति प्रकाशित करनी पड़ी। इस बीच में नैषध-चरित के कर्ता महाकवि श्रीहर्ष के विषय में अनेक नई-नई बातें मालूम हुई हैं। उनमें से प्रायः सभी मुख्य-मुख्य बातों का समावेश इस आवृत्ति में कर दिया गया है। इस कारण पुस्तक के पूर्वार्द्ध में विशेष परिवर्तन करना पड़ा है। उत्तरार्द्ध में घटाने बढ़ाने की बहुत कम आवश्यकता हुई है। हाँ, भाषा का संशोधन थोड़ा-बहुत, सर्वत्र कर दिया गया है।
जुही, कानपुर। | महावीरप्रसाद द्विवेदी |
१६ एप्रिल,१९१६ |
दो शब्द
पूज्यपाद द्विवेदीजी महाराज की हम पर भी बड़ी कृपा है। उसी कृपा के फल-स्वरूप हमें भी द्विवेदीजी-रचित कई ग्रंथ गंगा-पुस्तकमाला में गूँथने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह 'नैषध-चरित-चर्चा' विद्यार्थियों के बड़े काम की चीज़ है, और हमें आशा है, हिंदी-साहित्य-सम्मेलन और अन्यान्य शिक्षा-संस्थाएँ इसे अपने यहाँ पाठ्य पुस्तक नियत करने की कृपा करेंगे।
लखनऊ | दुलारेलाल भार्गव |
ता॰ ४।१२।३३ |
विषयांश-निर्देश
नाम | पृष्ठ-संख्या | |
(१) प्राक्कथन | ... | ९ |
(२) श्रीहर्ष नाम के तीन पुरुष | ... | १४ |
(३) श्रीहर्ष-विषयक कुछ बातें | ... | २७ |
(४) श्रीहर्ष का समयादि-निरूपण | ... | ३७ |
(५) श्रीहर्ष के ग्रंथ | ... | ४५ |
(६) चिंतामणि-मंत्र की सिद्धि | ... | ४८ |
(७) श्रीहर्ष की गर्वोक्तियाँ | ... | ५३ |
(८) नैषध-चरित का कथानक | ... | ५८ |
(९) नैषध-चरित का पद्यात्मक अनुवाद | ... | ६४ |
(१०) श्रीहर्ष की कविता | ... | ७० |
(११) श्रीहर्ष की कविता के नमूने | ... | ७७ |
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