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  • कुरल-काव्य (श्रेणी अस्तित्वहीन लेखक पृष्ठों वाले कार्य)
    [ मुखपृष्ठ ] नीतिधर्म ग्रन्थमाला प्रथम पुष्प   कुरल-काव्य   तामिल भाषा में मूल लेखक श्री एलाचार्य   संस्कृत तथा हिन्दी में अनुवादक विद्याभूषण पं॰ गोविन्दराय...
    ४३६ B (७६१ शब्द) - ०६:४९, ११ सितम्बर २०२१
  • शैली की जो विशिष्टता और अर्थगर्भित वक्रता गुलेरीजी में मिलती है, वह और किसी लेखक में नहीं। इनके स्मित हास की सामग्री ज्ञान के विविध क्षेत्रों से ली गई है।...
    ६७० B (२,३१२ शब्द) - १७:४१, २७ जुलाई २०२३
  • प्रेमचंद 152392संग्राम1939प्रेमचंद [ ६ ]   संग्राम   (एक सामाजिक नाटक)   लेखक प्रेमचन्द   प्रकाशक हिन्दी पुस्तक एजेन्सी ज्ञानवापी काशी   द्वितीय बार] [मूल्य...
    ४१९ B (६६५ शब्द) - ०९:०४, २९ मार्च २०२१
  • लेखक की प्रतिभा तथा लेखक की कला इसी पहलू को ढ़ूँढ़ निकालने पर निर्भर है । अब रहा चरित्र-चित्रण सो उसमें भी प्रतिभाशाली लेखक नवीनता तथा अनोखापन ला सकता...
    ४४३ B (१,४७९ शब्द) - २२:४६, ९ अगस्त २०२१
  • महाप्यश्च नाजिरफुल। इसी प्रकार हरएक शासन विभागके लेखक (अहलकार ) भी अलग अलग होते थे; जैसे धर्म विभागका लेखक-घमैलेखी।" मी तरपनने यह भी जाना जाता है कि जो काम...
    ४१४ B (४,५३४ शब्द) - ११:३२, २ अक्टूबर २०२०
  • तुलसी चौरा (श्रेणी अस्तित्वहीन लेखक पृष्ठों वाले कार्य)
    आदान-प्रदान की यह प्रक्रिया विपरीत देश/ काल/भाषा। संस्कृति के लोगों को कितना समीप ला सकती है, इस उपन्यास के पात्रों के माध्यम से बखूबी ना॰ पा॰ ने कहा है। धर्म...
    ३९३ B (१,१५६ शब्द) - १४:५७, २४ अप्रैल २०२१
  • उद्देश्यप्रेमचंद [ २६७ ] लेखक संघ   लेखक संघ के विषय में 'हंस' मे विज्ञप्ति निकल चुकी है और साहित्य-सेवियों तथा पाठकों को यह जानकर हर्ष होगा कि लेखकों ने संघ का खुले...
    २९१ B (७६८ शब्द) - ००:४७, ४ अगस्त २०२३
  • उत्थान' के आरंभ तक लाकर उसके आगे [ ७ ]की प्रवृत्तियों का सामान्य और संक्षिप्त उल्लेख करके ही छोड़ देने का था, क्योंकि वर्तमान लेखकों और कवियों के संबंध...
    ५९७ B (२,९१६ शब्द) - ०९:२६, १२ सितम्बर २०२०
  • जमसेदजी नसरवानजी ताता का जीवन चरित्र (श्रेणी अस्तित्वहीन लेखक पृष्ठों वाले कार्य)
    मा॰, प्रकाश पुस्तकालय, अरोड़ा पुस्तक भण्डार, भारत सेवकसमिति, साहित्य-भवन, ला॰ रामनारायणलाल, बा मैथिलीशरण गुप्त, प्रेममन्दिर, आर्ष-ग्रन्थावली, आदि सभी प्रसिद्ध...
    ५५० B (५४० शब्द) - ०८:४६, ३० अक्टूबर २०२१
  • प्रगतिशील लेखक संघ का अभिनंदन   हमें यह जानकर सच्चा आनन्द हुआ कि हमारे सुशिक्षित और विचारशील युवकों में भी साहित्य में एक नई स्फूर्ति और जागृति लाने की धुन...
    २९१ B (८१९ शब्द) - ००:४७, ४ अगस्त २०२३
  • [मिडिल, मैट्रिक और प्रथमा के विद्यार्थियों के लिये उपयुक्त ५ सुंदर कहानियाँ] लेखक प्रेमचंद [रंगभूमि, कर्बला, प्रेम-प्रसून, प्रेम-द्वादशी, प्रेम-बत्तीसी, प्रेम-पच्चीसी...
    ५२८ B (१,२३७ शब्द) - १३:४४, २१ सितम्बर २०२१
  • साहित्यरत्न, अधखिला फूल, प्रियप्रवास, चुभते चौपदे आदि के रचयिता ख ङ्ग वि ला स प्रे स बा कर गंज, पटना मूल्य १॥) [ ५ ]   कॉपीराइट यह कार्य भारत में सार्वजनिक...
    ६८५ B (१८३ शब्द) - २२:२६, १३ जुलाई २०२०
  • देते, ताकि इनके लेखक आगे के लिये सचेत हो जाते, पर शायद इसे भी वे अपने लिये जलील समझते है। इङ्गलैण्ड का रामजे मैकेडानेल्ड या बौनर ला अग्रेजी साहित्य पर...
    २९० B (१,३१४ शब्द) - ००:४५, ४ अगस्त २०२३
  • लाना चाहिये जिनसे कथा का माधुर्य बढ़ जाय, जो प्लाट के विकास में सहायक हों अथवा चरित्रों के गुप्त मनोभावों का प्रदर्शन करते हों पुरानी कथाओं में लेखक का...
    ३२० B (२,४७८ शब्द) - १०:२८, २६ जून २०२१
  • विचार लाना चाहिए जिनसे कथा का माधुर्य बढ़ जाय, जो प्लाट के विकास में सहायक हो अथवा चरित्रों के गुप्त मनाभावों का प्रदर्शन करते हो। पुरानी कथाओं में लेखक का...
    २८७ B (२,४८६ शब्द) - ००:४८, ४ अगस्त २०२३
  • गुप्त धन 1 (श्रेणी अस्तित्वहीन लेखक पृष्ठों वाले कार्य)
    गुप्त धन  (1962)  द्वारा [[लेखक:प्रेमचंद|प्रेमचंद]] 125759गुप्त धन1962प्रेमचंद [ मुखपृष्ठ ] गुप्त धन १ [ आवरण-पृष्ठ ]   प्रेमचंद   गुप्त धन   १ प्रस्तुतकर्ता...
    २९२ B (९८४ शब्द) - ०९:०१, २० जुलाई २०२३
  • 'द' इत्यादि। यही नहीं इन अजीब शीर्षकों को ले कर कभी कभी वे प्रकांड निबंध-लेखक की सी काल्पनिक उड़ान लेते हैं जिससे उनकी स्वाभाविक सूझ का पता लगता है। यह...
    १,०१९ B (१,८१२ शब्द) - १०:२८, ४ दिसम्बर २०१९
  • प्रसिद्ध गल्पकार के विचार   मि॰ जेम्स ओपेनहाइम अँग्रेज़ी के अच्छे कहानी-लेखक हैं। हाल में एक अँग्रेजी पत्रिका के सम्पादक ने कहानी-कला पर मि॰ ओपेनहाइम...
    २९१ B (१,१११ शब्द) - ००:४७, ४ अगस्त २०२३
  • माधवराव सप्रे की कहानियाँ सम्पादक देबीप्रसाद वर्मा हिन्दुस्तानी एकेडेमी इ ला हा बा द [ प्रकाशक ] प्रकाशक : हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद प्रथम संस्करण :...
    ४८५ B (७८१ शब्द) - १२:१०, २३ जुलाई २०२०
  • पुरतक के दो भाग हमें हमारे सुहृद्वर श्रीधर पाठक द्वारा प्राप्त हुए हैं। लेखक महाशय की मनोगति तो सराहना-योग्य है, पर साथ ही असम्भव भी है। सिवाय फारसी छंद...
    ७११ B (६४१ शब्द) - ०७:५१, ८ दिसम्बर २०१९
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