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जापान में पुस्तकों का प्रचार प्रेमचंद द्वारा रचित साहित्य का उद्देश्य का एक अंश है जिसका प्रकाशन जुलाई १९५४ ई॰ में इलाहाबाद के हंस प्रकाशन द्वारा किया गया था।


"मि॰ ग्लिन शा ने जापानी साहित्य के अनेक ग्रन्थ अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किये हैं। आपने हिसाब लगाया है कि जापान इस समय संसार में सबसे अधिक पुस्तकें प्रकाशित करने वाला देश है। जापान के बाद सोवियट रूस, जर्मनी, फ्रान्स, इंगलैंड, पोलैण्ड और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का क्रम से नम्बर आता है। जापान की आबादी अमेरिका की आधी से ज्यादा नहीं पर हर साल वह अमेरिका से दुगुनी किताबें छापता है।..."(पूरा पढ़ें)