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भारत रामनारायण यादवेंदु द्वारा १९४३ ई॰ में लिखे गए अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश में संकलित पारिभाषिक पद है जो १९४३ ई॰ के भारत तथा उसके स्वाधीनता संघर्षों का परिचय कराता है।


"इसके बाद १४ जुलाई १९४२ को वर्धा में कांग्रेस कार्यकारिणी कमिटी का अधिवेशन हुआ। क्रिप्स-योजना की विफलता के बाद से ही गांधीजी ने 'हरिजन' में 'भारत छोड़ो' (Quit India) आन्दोलन की चर्चा शुरू करदी थी। इस अधिवेशन में 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव स्वीकार किया गया। इस प्रस्ताव में काग्रेस ने ब्रिटिश सरकार से यह अपील की कि वह भारत से अपनी शासनसत्ता को हटाले। इसका यह तात्पर्य नहीं कि भारत से अंगरेज मात्र वापस चले जायँ। और न इसका यह मतलब है कि भारत में जो गोरी सेनाएँ हैं, वे वापस अपने देश को चली जायँ, प्रत्युत इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि भारत को स्वाधीन राष्ट्र घोषित कर दिया जाय और भारत में भारतीय जनता का प्रतिनिधि शासन स्थापित हो। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि यदि सरकार ने इस अपील पर ध्यान नहीं दिया, तो कांग्रेस अपने राजनीतिक स्वत्वों तथा स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए, सन् १९२० से अब तक संचित अहिंसा-शक्ति का उपयोग करेगी। यह व्यापक संघर्ष महात्मा गांधी के नेतृत्व में होगा। इस प्रस्ताव की अन्तिम स्वीकृति के लिए ७ अगस्त १९४२ को अ॰-भा॰ कांग्रेस कमिटी का अधिवेशन बुलाने के लिए भी आदेश किया गया।
उपर्युक्त निश्चयानुसार, ७ अगस्त १९४२ को, बंबई में कमिटी का अधिवेशन, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के सभापतित्व में, हुआ। ८ अगस्त की बैठक में यह प्रस्ताव, संशोधित तथा कार्य-समिति द्वारा परिवर्द्धित रूप में, कांग्रेस कमिटी द्वारा स्वीकार किया गया।..."(भारत पूरा पढ़ें)