विकिस्रोत:आज का पाठ/५ जनवरी
चाण्डाल से भी बदतर लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"कोई व्यक्ति यह सोच सकता था कि हिन्दुओं में केवल अछूतों की एक जाति होने के कारण अमरीकावासी उन्हें स्वराज्य और प्रजातन्त्र शासन के अयोग्य ठहराने के लिए सबसे पीछे बोलेंगे। भारतवर्ष के साथ अमरीका की तुलना की जाय तो वहाँ 'अछूतों' की संख्या कहीं अधिक उतरेगी और अस्पृश्यता भी वहाँ भारतवर्ष की अपेक्षा कहीं अधिक बड़े रूप में विद्यमान है। परन्तु इन बातों के होते हुए भी अमरीकावासियों ने अपने स्व-शासन के अधिकार का कभी त्याग नहीं किया और अन्य जातियों को कभी इसके लिए टोकने भी नहीं दिया। जब उन्होंने अपनी स्वतंत्रता की प्रसिद्ध घोषणा का प्रकाशन किया तब उनके देश में ग़ुलाम की प्रथा अत्यन्त प्रबल थी।..."(पूरा पढ़ें)