विकिस्रोत:आज का पाठ/४ जुलाई
गेरीबाल्डी प्रेमचंद द्वारा रचित १५ महापुरुषों के जीवन-चरित संग्रह कलम, तलवार और त्याग का एक अध्याय है। इसका पहला संस्करण १९३९ ई॰ में बनारस के सरस्वती-प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया था।
"ओजक्र गेरीबाल्डी जिसने इटली को गुलामी के गढ़े से निकाला, इतिहास के उन इने गिने महापुरुषों में हैं जो अपनी निस्वार्थ और साहस-भरी देशभक्ति के कारण अखिल विश्व के उपकारक माने गये हैं। वह स्वाधीनता का सच्चा पुजारी था, और जब तक जीवित रहा, केवल अपने देश और जाति' को ही उन्नति के शिखर पर पहुँचाने के यत्न में नहीं लगा रहा, अन्य दलित, पीड़ित जातियों को भी अवनति के गर्त से निकालने की कोशिश करता रहा। गेरीबाल्डी का सा उदार और मानव-सहानुभूति से भरा हुआ हृदय रखनेवाले व्यक्ति इतिहास में बिरले ही दिखाई देते है। वह झोपड़े में पैदा हुआ, अपनी सच्ची देश- भक्ति और देशसेवा के उत्साह की बदौलत सारे राष्ट्र का प्यारा बना..."(पूरा पढ़ें)