विकिस्रोत:आज का पाठ/२७ मार्च
सर सैयद अहमद खाँ प्रेमचंद रचित संक्षिप्त जीवनी संग्रह "कलम, तलवार और त्याग" में संग्रहित सर सैयद अहमद खाँ का जीवन परिचय है जो १९३९ ई. में बनारस के सरस्वती प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया था।
"सर सैयद ने उर्दू भाषा की जो सेवा की, उसकी सराहना किन शब्दों में की जाय। यों कहना चाहिए कि उर्दू उन्हीं के आश्रय में पाली पोसी गई। उस समय तक उर्दू में शायरी का बाजार गर्म था। साहित्य पद्यरचना और कवि-चर्चा तक सीमित था। उसमें न गहराई थी, न ऊँचाई। कठिन विषयों की चर्चा और गंभीर भावों को व्यक्त करने की उसमें योग्यता न थी। ऐतिहासिक, आलोचनात्मक और शास्त्रीय विषयों पर उसे अधिकार न था। सर सैयद ने इन विषयों पर तहजीबुल अखलाक़” मैं जो निबंध लिखे, वह उर्दू के 'क्लासिक' स्थायी साहित्य हैं। ...उनकी साहित्य सेवा के पुरस्कार-स्वरूप सरकार ने उन्हे 'सर' की उपाधि प्रदान कर अपनी गुणज्ञता का परिचय दिया। आयु के अन्तिम भाग में लगातार बीमारियों के कारण सर सैयद बहुत कमजोर हो गये थे। पर उस अवस्था में जाति पर मिटा हुआ यह महापुरुष उसी उत्साह से जाति-सेवा में जुटा हुआ था। अन्त की १८९८ ई० वीं ७ वीं मार्च को महाप्रस्थान का संदेश आ गया और उसने अपने जीवन के अनेक अमर स्मृति चिन्ह-छोड़ इस नश्वर जगत् से कूच किया।"(पूरा पढ़ें)