विकिस्रोत:आज का पाठ/२५ जून
साहित्य अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित पुस्तक हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास का एक अध्याय है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९३४ ई॰ में पटना विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किया गया था।
"कवीन्द्र "रवीन्द्र" कहते हैं:- "सहित शब्द से साहित्य की उत्पत्ति है- अतएव, धातुगत अर्थ करने पर साहित्य शब्द में मिलन का एक भाव दृष्टि गोचर होता है । वह केवल भाव का भाव के साथ, भाषा का भाषा के साथ, ग्रन्थ का ग्रन्थ के साथ मिलन है यही नहीं, वरन् वह बतलाता है कि मनुष्य के साथ मनुष्य का अतीत के साथ वर्तमान का, दूरके सहित निकट का अत्यन्त अन्तरंग योग साधन साहित्य के अतिरिक्त और किसी के द्वारा सम्भव नहीं। जिस देश में साहित्य का अभाव है उस देशके लोग सजीव बन्धन से बँधे नहीं, विच्छिन्न होते हैं"।..."(पूरा पढ़ें)