विकिस्रोत:आज का पाठ/२३ मार्च
ग्रन्थकार लाला लाजपतराय लाला लाजपत राय द्वारा संपादित योगिराज श्रीकृष्ण का एक अंश है जिसका प्रकाशन ई॰ २००० में दिल्ली के आर्य प्रकाशन मंडल, सरस्वती भंडार, गांधीनगर द्वारा किया गया था।
"लालाजी के बलिदान के पश्चात् देशबंधु चित्तरंजनदास की पत्नी श्रीमती बसतीदेवी ने एक वक्तव्य प्रसारित कर कहा था कि क्या देश में कोई ऐसा क्रान्तिकारी युवक नही है जो भारतकेसरी लालाजी की मौत का बदला ले सके? जब यह बात सरदार भगतसिंह तक पहुँची तो उसने लालाजी पर लाठियों का प्रहार करने वाले साण्डर्स को मारकर उस अमर देशभक्त की मौत का बदला ले लिया। लाला लाजपतराय देश के स्वाधीनता संग्राम के महान्से नानी थे। देशवासी उनके त्याग और बलिदान को सदा स्मरण रखेंगे।..."(पूरा पढ़ें)