विकिस्रोत:आज का पाठ/२१ जून
आर्यभाषा परिवार अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित पुस्तक हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास का एक अध्याय है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९३४ ई॰ में पटना विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किया गया था।
"भारत की भाषाओं के तीन विभाग किये जा सकते हैं, वे तीन भाषायें ये हैं-
१ आर्यभाषायें २ द्रविड़भाषायें ३ और अन्य भाषायें । अन्य भाषाओं के अन्तर्गत मुण्डा और तिब्बत वर्मन भाषायें हैं, द्राविड़ भाषा मुख्यतः दक्षिण में बोली जाती है । आर्यभाषा उत्तरी मैदानों में फैली हुई है, गुजरात और महाराष्ट्र प्रान्त में भी उसका प्रचलन है, उसके अन्तर्गत अधिकांश पहाड़ी भाषायें भी हैं। हिन्दूकुश के दक्षिणी पहाड़ी देशों में एक चौथी भाषा भी पाई जाती है, जिसको डार्डिक अथवा वर्तमानकालिक पिशाचभाषा कहते हैं।..."(पूरा पढ़ें)