विकिस्रोत:आज का पाठ/१६ अप्रैल
भारतवर्ष-'दरिद्रता का घर' लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर भारतवर्ष की आर्थिक स्थिति क्या है? इसका पता उपरोक्त उद्धरण से भली भाँति चल जाता है। भारतवर्ष ने ग्रेट-ब्रिटेन को धनी बनाया है और ग्रेटब्रिटेन ने भारतवर्ष को दरिद्र कर दिया है। यह कथा सब प्रकार से योग्य अँगरेज़ और भारतीय प्रामाणिक लेखकों द्वारा अनेक पुस्तकों में कही गई है। मैंने अपनी 'इँगलेंड पर भारतवर्ष का ऋण' नामक पुस्तक में उन्हीं सब बातों को घनीभूत किया है। वर्तमान अध्याय मुख्यतः उसी पुस्तक से लिया गया है।..."(पूरा पढ़ें)