विकिस्रोत:आज का पाठ/१४ जनवरी
मिस्टर विन्सटन चर्चिल के लिए एक उपहार लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"'हिन्दू' के नवीन वार्षिकाङ्क में लिखते हुए कर्नेल जे॰ सी॰ वेजउड हमें बतलाते हैं कि किस प्रकार मिस्टर विन्स्टन चर्चिल, ब्रिटिश चान्सलर आफ़ दी एक्सचेकर, ने पार्लियामेंट के एक बरामदे में उनके पास से निकलते हुए उन्हें मदर इंडिया की एक प्रति उपहार-स्वरूप भिजवा देने की इच्छा प्रकट की थी। परन्तु कर्नेल साहब उस पुस्तक को पहले ही पढ़ चुके थे। उपहार के ही रूप में उन्हें उसकी एक प्रति मिल चुकी थी। मिस्टर चर्चिल ने पूछा—'क्या! पढ़ चुके! अब आप अपने मित्रों के सम्बन्ध में क्या सोचते हैं?" इसी में उन्होंने वास्तविक घृणा और क्रोध के साथ इतना और जोड़ दिया—'मैं शिशुओं के ऊपर किये गये इन घोर अत्याचारों के अतिरिक्त और कुछ भी सहन कर सकता था।'..."(पूरा पढ़ें)