विकिस्रोत:आज का पाठ/१३ जनवरी
पश्चिम में कामोत्तेजना लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"भारतवासियों के विषय-भोग-सम्बन्धी कल्पित पापाचार का विस्तृत वर्णन करने में मिस मेयो को विचित्र आनन्द आता है। समस्त चञ्चल पत्रकार उन बातों को जानते हैं जिनसे कथाओं में रहस्य उत्पन्न किया जा सकता है। उनकी पुस्तक का उद्देश यह होता है कि लोग 'गम'––एक प्रकार की गोंद-मिश्रित मिठाई––चूसते जायँ और उन्हें पढ़ते जायँ। अमरीका की बहुत सी पुस्तकों की दुकानों पर यह 'गम' भी रहता है और सबसे अधिक बिकता है। भारतवर्ष में मिस मेयो ने 'व्यक्तिगत रूप से' जो अनुसन्धान किये हैं उनमें अधिकांश ऐसे हैं जो 'विषय-भोग' की बातों से सम्बन्ध रखते हैं।..."(पूरा पढ़ें)