विकिस्रोत:आज का पाठ/१२ जनवरी
निःशुल्क-शिक्षा लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"मिस मेयो को यह ज्ञात होना चाहिए कि दूसरे देशों के सरकारी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। परन्तु भारतवर्ष में प्रत्येक गवर्नमेंट स्कूल में प्रत्येक विद्यार्थी से फ़ीस ली जाती है।
मदर इंडिया के १२९ और १३० पृष्ठों पर निम्नलिखित वक्तव्य देखने में आता है:–'प्रायः भारतवर्ष के सभी धनी मनुष्य आज अपने हृदय में यही सोचते हैं कि यदि उनकी पुत्रियों को शिक्षा दी भी जा सकती है तो तभी जब सरकार उनके लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर दे।' मिस मेयो ने अपनी पुस्तक में जैसे अन्य बेसिर-पैर की बातें लिख मारी हैं वैसी ही एक बात यह भी है।..."(पूरा पढ़ें)