रामनाम/१२
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यौगिक क्रियाअे
यौगिक क्रियाअे
अेक मिशनरी मित्रने गाधीजीसे पूछा कि क्या वे कोअी यौगिक क्रियाये करते है। अिसके अुत्तरमे गाधीजीने कहा
"योगकी क्रियाअे तो मै जानता नही। मै जो किया करता हू, अुसे तो बचपनमे अपनी आयासे मैने सीखा था। मुझे भूतका डर लगता था। जिस पर वह मुझसे कहा करती थी 'भूत जैसी कोअी चीज है ही नही, फिर भी अगर तुझे डर लगे, तो रामनाम ले लिया कर।' मैने बचपनमे जो सीखा, अुसने मेरे मानसिक आकाशमे विशाल रूप धारण कर लिया है। अिस सूर्यने मेरी घोरसे घोर अधकारकी घडीमे मुझे प्रकाश प्रदान किया है। यही आश्वासन अीसाअीको अीसाका नाम लेनेसे और मुसलमानको अल्लाहका नाम लेनेसे मिलता है।[१] अिन सब चीजोका अर्थ तो अेक ही है और समान परिस्थितियोमे अिनका अेक-सा ही परिणाम आता है। मात्र यह नामस्मरण तोतेकी तरह नही होना चाहिये, किन्तु यह नाम-ध्वनि अतस्तलसे अुठनी चाहिये।
हरिजनसेवक, १२-१२-१९३६
- ↑ अिस्लामका अल्लाह वही है, जो अीसाअियोका गॉड और हिन्दुओका अीश्वर है। जिस तरह हिन्दु धर्ममे अीश्वरके अनेक नाम है, अुसी तरह अिस्लाममे भी अीश्वरके कअी नाम है। वे नाम व्यक्तित्वको नही, बल्कि गुणोको बताते है। और तुच्छ मनुष्यने अपने नम्र तरीकेसे सर्वशक्तिमान अीश्वरका अुसके गुणो द्वारा वर्णन करनेका प्रयत्न किया है, यद्यपि वह गुणातीत, अवर्णनीय और असीम है। —हरिजन, १२-८-१९३८