भ्रमरगीत-सार/२०-हम तो नंदघोष की वासी

भ्रमरगीत-सार
रामचंद्र शुक्ल

बनारस: साहित्य-सेवा-सदन, पृष्ठ ९६

 

राग सारंग
हम तो नंदघोष की वासी।

नाम गोपाल, जाति कुल गोपहि, गोप गोपाल-उपासी॥
गिरिवरधारी, गोधनचारी, बृन्दावन - अभिलासी।
राजा नंद, जसोदा रानी, जलधि नदी जमुना सी॥
प्रान हमारे परम मनोहर कमलनयन सुखरासी।
सूरदास प्रभु कहौं कहाँ लौं अष्ट महासिधि दासी॥२०॥