भारत के प्राचीन राजवंश/विषय-सूची
विषय-सूची।
विषय. | पृष्ठांक. | विषय. | पृष्ठांक. | ||
१ क्षत्रपवंश | रुद्रसेन प्रथम | २३ | |||
क्षत्रपशब्द | १ | प्रथ्विसेन | २४ | ||
पृथक पृथक वंश | २ | राघदामा | २४ | ||
राज्यविस्तार | २ | दामसेन | २५ | ||
जाति | २ | दामजद्थ्री (द्वितीय) | २६ | ||
रिवाज | ३ | वीरदामा | २६ | ||
शक संवत् | ३ | यशोदामा (प्रथम) | २७ | ||
भाषा | ६ | विजयसेन | २८ | ||
लिपि | ६ | ||||
लेख | ७ | ||||
सिक्के | ८ | ||||
इतिहासकी सामग्री | ११ | ||||
भूमक | ११ | ||||
नह्पान | १२ | ||||
चहन | १४ | ||||
जयदामा | १५ | ||||
रुद्रदामा प्रथम | १६ | ||||
सुदर्शन भील | १७ | ||||
दामजद्थ्री (दामघ्सद) प्रथम | १८ | ||||
कीवदामा | १९ | ||||
रुदमिह प्रथम | २० | स्वामी रुद्रसिंह तृतीय | ३६ | ||
सत्यदामा | २२ | समाप्ति | ३६ |
(२९ पशवा. १.. 10. १०६ १०६ १११ विषय. समाक. चिपय. गणराज दूसरा वाक्पतिराज धनभट ७५ नरसिंह (दूसरा) रामदेव ७५ सयका दलरा) विक्रमसिंह ७५ कम्पति दूसरा (मुस) यशोधपल ७ पनपाल धाराव ७० पद्मगुप्त गामसिंह ८. धनजय कृष्णराज तीसरा ८१ धनिक प्रत पसि ८५ हरायुध अगला इतिहास ८. अमितनानि किराके परमार ८४ मिन्धुराज सिन्गुल मोडराज ८४ भोज उदयराज ८४ जयसिह (प्रथम) सोमेश्वर ८४ उदमादित्य दाँताक परमार ८५ रामदेव जालोरके परमार ८६ दरवर्मदेव वाक्पतिराज ८६ यशोवदेव चन्दन ८६ सय नवराज ८६ लक्षवर्मा अपरानित ८६ हरिश्चन्द्रना। विर ८६ रदपवर्मा ) धारावर 4६ जनपद मल ८६ बिन्यवर्मा ८७ आशभर मालवाके परमार मुभयर्मा ८९ अगदेव ९. देवपालदेव मायक ९१ जयसिहदेव ( द्विसीय) १४१ १४. १४ १५. १५५ १५५ १५६ १५७ gu वैशिसंह १६३ ________________
विषा म (gra) माज( 14) जमिहत (4) मा पहोली सय गुमशा पक्षिीरस्य f. यादपरामा विरामा दस राज्य गराम घागड़के परमार रम्परसिंह 4स रणांक. पिंप. १५२ नारायणपात रायपा १४ गपार ( य) 110 बिगदपार (द्वितीय) मकर (प्रभम) भयपाल विप्रहपाल (AR) ११ मईपास (द्वितीय) १७१ पात्र १५२ रामपाल १७१ मारपाल १७ गोपट (मृतीय) मदनराल अन्य पाठान्त शामके राजा १४ समाति पासवर्शी राजाभाडी वाली ५सनयश रायरान मदनदेव चामुण्डराज बिंगमराज परमारमा जन्यति पालवश जाति और धर्म दायितविण मयट गोपाल (प्रपा) धर्मगल देतात निसहपार (प्रथम) १४ गति १४ सामनमैन १५५ नन्दन १४ विजयसेन नेपाल पत् बगोन 41 सदमणमेन-सवन १८१ १८२ समरसेन उमापतिधर १८२ शरण १८३ गवर्धन १८९ १८७ लाभ ॥ ?
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विषय. इवांक. चिपय. पृष्ठक. पैदास ३१५ श्राम | माधवसेन ३. चामुनि ईशयन ३१ भराज तृतीय | विश्वपसेन ३२० सदैष । विरहज तृतीय ) इनौजमाधव ३३३ पृथ्वीराज (प्रथम अन्यज्ञा ३३३ अजयदेव ३३३ 'यज्ञ फ्नवंशी राजाओं वैशावद्धी २६४ जगदैव ६ चीन-चंश भिरहूराज ( देव चतुर्व } पतं ३३५ अमेरमागेम ३४६ एम ३२५ पृथ्वीराज ( द्वितीय) ३४७ चामान ३२८ सोमेश्वर ३४८ वासुदेव ३२४ पृथ्वीराज ( तृर्तग्य ) सामन्तदेव १३८ रिज जयराज ( जयपाल ) २५१ रथंभोरके चौहान विग्रहराज ( धन ) २२५, गोविन्दराज्ञ चन्द्रराज़ ( प्रथम २२९ याल्दे श पेन्द्रराज झाददैछ दुभत्र नारनदिया गृङ्ग (प्रथम) २. पाटदैन । चारच ) चन्द्रराज { द्वितीय) ३० जनसिंह मूवक (द्वताम) चन्नानि २३१ छोटोउदयपुर और बाष्पतिराज ( ग्नशम ) २३१ बरिया चीन महराज १३५ सईभर चौहानोदी नशा ८१ चिंरात ( द्विय )। २३ रथंभोरके चहानका गकशा३८३ दुर्लभराज { द्वितीय } ६३३ नाल और जालोरके चौहान गनिन्दराज ३३३ अ १८४ चापतिराज ६ दिय) २३ मत ३८५ ॥
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६१ Br: । . ३१. ३८ बीउ । लुभा) 555 विपय. पृष्ठांक, विपय. १८६ माशेरके टाना शः पिशपात ३४६ जेठोर कान ना ३१ मन्द महीन्दु ) ६८६ मंझायक देवड़ा हाने । अग मःमसिंह धाराद् मैदराज प्राउ ३९० ते । १५ जोमदेव
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यह परिशिष्ट अभाव ९५ धौलपुरके चीन २९३ मा चौहान ३३ कराज आणदेव १६५ चानक वनभ राय !! रेन्द - सु१५०३ समय सान् इयत ७ । राम नशा : ईंधर्व ३,८ पे है और सिड 'शदिने । नमोल चहाना बंदा ३५ मिले हुए जाग्न न ना १५ (जालोरके सोनगरा चौहान) के गायत्रै हो अराका दत्तात । पर्म का झा रानः र र महासभा ने पर्ष ३३ उचह ॐ परमारे यंत्र सिग्देव गुफ परमार्थ वंशावली नाई माडफे परमारोदा चवृ। १६ हुदैन ३५६ मा परमारो देवर्ड १७: मदैव ३११ न्यायका मैच १६ इतनीदेव ३१३ मयिका वै| ने
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पचौरी शE 2.१४ • रणगंभोरके नौहानेका वंशवृक्ष २.५८ . १५० | FT शुद्धाशुद्धिपत्र। | ! पैकि , शुद्ध | , IB, A.S. अझ I, R. A. 5. ( ठिप ) रातस । लेसे दामनमून, अन्ध ५३ | p. 264 क्षहरात चटनम ममेरा नय अर ३८ १३ ३॥ P. 20 | ११ १६६ | १७ | यौला fil; 952 ४-कोयल फारूप ( वि० ३1० १११५) समदैननै बिमुरीगर ३ नेला fnl; 350 १-फॉक्ट कलिम्प वि० सं० ११७५ ) लक्ष्मदेयके लेपमे ना जति है कि नमनै निपुरी पर आल्हूणीने गर्मदा टपर { भेडाघाटम } } नन At Sir. Itirlin vol, 11, " x x आन्दगदेनाने दि ५८ ५ । c. 1, ६ r, 17, ' Elirl 17 " * * pg १क्त अशुद्ध इदै ५९ फुनोट १० १ Ind, Aal,ral S3I " ६३ f 4g P 47 मुवपन्न मुरगं चन नुके निपुग्न ६' ६६ फुग्नाद (}} 330rs In+upt10th, " 800 (१}hrsran Bolgols In Ecripbrp4 29 58 १८ १६ | अन्त आन्त ५१ १४ चभूत्वाद् ५ मूलाई ५१ फूभने (१) Ep ind Vol X 11 ५५ ६ इिंगति द्विजाति मोटके ७४ । १११७ (१०६१) १११३ {१५}} ७६ १४ गचा मूचा अगस्त सितचर १३५१ घमा चमीण
- ३३ ११६३
11३१ १५ [६] ११ । रानन्दानी रामूनाको असम्भव सिद्ध न सम्भव सिद्ध नहीं हैं। ३- उत्तर की ३५-१६' उतर और ५५-११ यू १५-११' पूर्व [1] ________________
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२३५ ३४८ ११ कामि रारा Prof pittreon's sth report, P. 87 पर्दछ ११२३ ज्ञवावस आर्मी भाद्रपद कृशा ? दैवतन् चाहदै जि पुन इस्दालेको १७ ३९० १११ १६ ११ १९६३