गल्प समुच्चय/ ९-श्रीराजेश्वरप्रसादसिंह

गल्प समुच्चय
प्रेमचंद, संपादक श्रीप्रेमचन्द जी
श्रीराजेश्वरप्रशादसिंह

काशी: सरस्वती-प्रेस, बनारस सिटी, पृष्ठ २६७

 

९-श्रीराजेश्वरप्रसादसिंह

आप प्रयाग के रहनेवाले हैं। पहले आप 'लीडर' के कार्यालय में काम करते थे। अब स्वतंत्र रूप से साहित्य-सेवा करते हैं। आपकी कहानियाँ समाज की दुर्बलताओं पर आधारित होती हैं। आपकी शैली में दार्शनिक विचारों का अच्छा सम्मिश्रण होता है। आप अंग्रेजी में भो लिखते हैं और बहुत अच्छा लिखते हैं।