कोड स्वराज/परिशिष्टः ज्ञान पर ट्वीट्स
परिशिष्टः ज्ञान पर ट्वीट्स
कार्ल मालामुद, सेबस्टोपोल, कैलिफ़ोर्निया, 6 Jun, 2017
@carlmalamud, 2:13 PM - 6 Jun 2017
1/10 पब्लिक रिसोर्स, वैज्ञानिक लेखों/स्कोली लिटरेचर का आडिट कर रहे हैं। हमने अमेरिकी सरकार के कार्यों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है।
Replying to @carlmalamud, 2:13 PM - 6 Jun 2017
2/हमारे ऑडिट ने यह निर्धारित किया है कि संघीय कर्मचारियों या अधिकारियों द्वारा लिखित 12,64,429 जर्नल के लेख, संभवतः कॉपीराइट से रहित हैं।
Replying to @carlmalamud, 2:13 PM - 6 Jun 2017
3/इस विषय पर अधिक जांच करने के लिए, मैंने उस डेटाबेस की कॉपी बना ली है जिसे स्कीहब (SciHub) कहा जाता है, जिसमें 63+ मिलियन, जर्नल के लेख हैं।
Replying to @carlmalamud, 2:14 PM - 6 Jun 2017
4/इस स्कीहब को कॉपी करने का उद्देश्य है, उसका परिवर्तनकारी उपयोग करना. और उसमें से उन सभी लेखों को निकालना है जो सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक डोमेन) के हैं।
Replying to @carlmalamud, 2:14 PM - 6 Jun 2017
5/ जिन 12,64,429 सरकारी पत्रिका के लेखों का मेरे पास मेटाडेटा है. अब मैं उनके संभावित रिलीज़ के लिए उनमें से 11,41,505 फाइलें (90.2%) निकाल सकता हूँ।
Replying to @carlmalamud, 2:14 PM - 6 Jun 2017
6/ इसके अतिरिक्त, मेरे पास सन् 1923 या उससे पहले के प्रकाशित 20,31,359 लेख हैं। इन दो श्रेणियां के लेख मिलकर, स्कीहब के 4.92% लेख हो जाते हैं।
Replying to @carlmalamud, 2:15 PM - 6 Jun 2017
7/ अतिरिक्त श्रेणियों जिसकी जांच करनी बाकी है, उनमें वे लेख हैं जिसके कॉपीराइट का रजिस्ट्रेशन खतम (लैप्स) हो गया हो, वे लेख जहां ओपन ऐक्सेस नहीं है, और वे लेख जिसके लेखकों ने कॉपीराइट अपने पास रख लिया हैं।
Replying to @carlmalamud, 2:15 PM - 6 Jun 2017
8/पब्लिक रिसोर्स शीघ्र ही एलेक्जांड्रा के पुस्तकालय का निष्कर्ष शीघ्र ही उपलब्ध कराएगा, और उसे प्रकाशकों और सरकारों को पेश करेंगा।
Replying to @carlmalamud, 2:15 PM - 6 Jun 2017
9/एलेक्जांडा एल्बाक्यान (Alexandra Elbakvan) ने स्कीहब का निर्माण कर और ज्ञान तक सार्वजनिक पहुंच को संभव कराने के लिए एक गहन और साहसपूर्ण योगदान दिया है। हम सभी को उनका समर्थन करना चाहिए।
Replying to @carlmalamud, 2:16 PM - 6 Jun 2017
10 / सभी ज्ञान तक सार्वभौमिक पहुंच को संभव कराना हमारी पीढ़ी का अधूरा वादा है। इंटरनेट के ज़रिए यह सपना वास्तविक सच बन सकता है।
यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।
यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।