कोड स्वराज
कार्ल मालामुद
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कोड स्वराज


मानक सत्याग्रह की

कर्मभूमि से उल्लेखनीय बातें

प्रारंभिक तत्व


इस प्रकाशन का अपना कोई अधिकार सुरक्षित नहीं है, और इसे सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया गया है।


'द वायर' को दिया गया इंटर्व्यू उनकी अनुमति लेकर प्रकाशित किया गया है। ऐरोन स्वार्ट्ज़ द्वारा लिखित निबंध सन् 2009 में उनके ब्लॉग पर पहली बार प्रकाशित हुआ था, और उसके बाद वह लेख, लॉरेल रुमा (Laurel Ruma) और डैनियल लैथ्रोप (Daniel Lathrop) द्वारा संपादित, ‘ओपन गवर्नमेंट', ओ रेयली मीडिया (सेबेस्टोपोल, 2011) में प्रकाशित हुआ।


लेखक, अपने इस लेख के उपयोगी रिव्यूज़ के लिए, मार्टिन आर. ल्यूकस (Martin R. Lucas), डोमिनिक वुजास्तिक (Dominik Wujastyk), बेथ सिमोन नोवॉक, दर्शन शंकर, अनिरुद्ध दिनेश और अलेक्जांडर मैकगिलिव्रे (Alexander Macgillivray) को धन्यवाद देना चाहते हैं।


कवर डिजाइन और उत्पादन में सहायता : प्वाइंट बी स्टूडियो द्वारा


यह पुस्तक, अन्नपूर्णा एस.आई.एल फ़ॉन्ट में छपी है। इस पुस्तक को एच.टी.एम.एल 5 में लिखी गई थी और इसे सी.एस.एस स्टाइल (CSS Style) शीट्स और प्रिंस एक्स.एम.एल (Prince XML) प्रोग्राम को इस्तेमाल कर के, पी.डी.एफ (PDF) में बदला गया है।


द्वारा अनुवाद ईभाषा सेतु लैंग्वेज सर्विसेज (http://www.ebhashasetu.com/)


गांधी जी के फोटो, महात्मा गांधी के कलेक्टेड वर्क्स (सी.डब्ल्यू.एम.जी) से लिये गये हैं, और इसके इलेक्ट्रॉनिक संस्करण को उपलब्ध कराने के लिए लेखक, साबरमती आश्रम को धन्यवाद देना चाहेंगे। सभी ऐतिहासिक फ़ोटो, भारत सरकार की सूचना मंत्रालय से लिये गये हैं और इन सभी फोटो को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए लेखक, मंत्रालय को धन्यवाद देना चाहेंगे।


इस पुस्तक का सोर्स कोड यहाँ पर उपलब्ध है : https://public.resource.org/swaraj


प्रकाशक : पब्लिक.रिसोर्स.ओआरजी इनकोरपोरेटेड, (Public.Resource.Org, Inc.), सेबास्तोपोल (Sebastopol), कैलिफोर्निया 2018.


आई.एस.बी.एन 978-1-892628-04-6 (अंग्रेजी संस्करण)
आई.एस.बी.एन 978-1-892628-06-0 (हिंदी संस्करण)


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कोड स्वराज


मानक सत्याग्रह की

कर्मभूमि से उल्लेखनीय बातें







कार्ल मालामुद

सैम पित्रोदा

सी.डब्ल्यू. एम.जी, खंड 5, पृष्ठ 368, गांधी जी, भारतीय एम्बुलेंस कोर्प्स के नेता, 1906
विषय-सूची


पाठकों के लिए...................................................................................................................1


3 अक्टूबर 2016, अहमदाबाद
दी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (भारत) के समक्ष भाषण के बाद की अतिरिक्त टिप्पणियां..7


5 अक्टूबर 2016, एयर इंडिया 173 पर यात्रा करते हुए
साबरमती आश्रम के दौरे के नोट्स....................................................................................17


14 जून, 2017, सैन फ्रांसिस्को
ज्ञान तक सार्वभौमिक पहुंच, अमेरिका और भारत में, डॉ.सैम पित्रोदा की टिप्पणियां ........33


ज्ञान तक की सार्वभौमिक पहुँच, भारत और अमेरिका में, कार्ल मालमुद (Carl Malamud)
की टिप्पणियां................................................................................................................. 45


8 जुलाई, 2017, नई दिल्ली
डिजिटल युग में सत्याग्रह:
एक व्यक्ति क्या कर सकता है?.......................................................................................57


15 अक्टूबर, 2017, बेंगलुरु ।
सूचना का अधिकार, ज्ञान का अधिकार:
डॉ सैम पित्रोदा की टिप्पणिया ........................................................................................65


सूचना का अधिकार, ज्ञान का अधिकार:
कार्ल मालामुद की टिप्पणियां .........................................................................................77


26 अक्टूबर, 2017, नई दिल्ली
साक्षात्कार: "इस छोटे यूएसबी में 19,000 भारतीय मानक हैं।
इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाना चाहिए?.................................................................95


दिसंबर 4-25, 2017, सेबस्टॉपॉल
कोड स्वराज पर नोट......................................................................................................115


परिशिष्ट: ज्ञान पर ट्वीट्स ..............................................................................................187


परिशिष्ट: पारदर्शिता कब उपयोगी होती है?...................................................................191


चयनित पाठ..................................................................................................................205


लिंक की तालिका..........................................................................................................213
सी.डब्ल्यू .एम.जी, खंड 5 (1905 -1906), फ्रंटिसपीस, तारीख का पता नहीं

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।