अणिमा/१०. मैं बैठा था पथ पर
< अणिमा
मैं बैठा था पथ पर,
तुम आये चढ़ रथ पर।
हँसे किरण फूट पड़ी,
टूटी जुड़ गई कड़ी,
भूल गये पहर-घड़ी,
आई इति अथ पर
उतरे, बढ़ गही बाँह,
पहले की पड़ी छाँह,
शीतल हो गई देह,
बीती अविकथ पर