अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश
रामनारायण यादवेंदु

पृष्ठ ६६ से – ६८ तक

 

प्रसतुत किया गया तब चेम्बरलेन की सरकार के पक्ष मे २८१ मत तथा विपक्ष में २०० मत मिले। ४० सरकारी समर्थक विरोधी दल में मिले गये और १३० सदस्यो ने अपना मत नही दिया। चेम्बरलेन को अपने प्रधान मत्रि-पद से त्यागपत्र देना पड़ा। श्री विन्स्टन चर्चिल प्रधान मंत्री चुने गये। चर्चिल की सरकार में ऐमरी को भारत-मत्री(Secretary of State for India) नियुक्त किया गया। ऐमरी का जन्म भारत मे (गोरखपुर मे) सन् १८७३ में हुआ था। चर्चिल के साथ उन्होने हैरो में शिक्षा प्रप्त की, वेलियोल से ग्रेजुएट की पदवी प्राप्त की। बर्मिङ्घम से सबसे पहली बार, सन् १९११ में, पार्लमेट के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् १९२३ में, जब आप ब्रिटिश जल सेना-विभाग के मंत्री थे, आपने सिंगापुर नाविक अड्डा-योजना तैयार की थी। जब रैम्ज़े मेकडानल्ड के मंत्रि-मण्डल का

पतन होगया और बाल्डविन ने मंत्रि-मण्डल बनाया तब उसमे इन्हे उपनिवेशो का मंत्री बनाया गया। इस समय श्री ऐमरी भारत-मंत्री हैं। इनका स्वभाव बहुत उग्र है। इनका निःशस्त्रीकरण में विश्वास नहीं है। यह उग्र साम्राज्यवादी हैं। भारतीय स्वाधीनता की मॉग को वह बार-बार अस्वीकार करते रहे हैं, और अपने भाषणो तथा वक्तव्यों में ८ अगस्त १९४० की वायसराय की औपनिवेशिक स्वराज्य-संबधी अस्पष्ट तथा अपूर्ण घोषणा का समर्थन करते रहते हैं।


ऐलबर्ट लेव्रन--फ्रान्स-प्रजातंत्र के राष्ट्रपति थे। २९ अगस्त सन् १८७१ को जन्म हुआ। पहले इञ्जीनियर थे। सन् १९०० में राजनीतिक में प्रवेश किया। सन् १९११-१३ में उपनिवेश-मंत्री रहे। इन्ही दिनो कुछ समय तक युद्ध-मंत्री के पद पर भी कार्य किया। सन् १९२० में क्रान्तिकारी समाजवादी दल के प्रतिनिधी चुने गये। सन् १९३० में सीनेट के अध्यक्ष निर्वाचित किये

गये। मई १९३२ में आपको, राष्ट्रपति डूमर्ग की हत्या के बाद, फ्रान्स का

राष्ट्रपति चुना गया। ५ अप्रैल १९३६ को वह फ्रांस के राष्ट्रपति पुनः ७ वर्ष के लिए चुने गये। १९३८ में राष्ट्रपति ऐलवर्ट लेब्रन ने ब्रिटेन के राजा-रानी को पेरिस में दावत दी और अप्रैल १९३९ में सरकारी तौर पर लन्दन गये और ब्रिटिश सम्राट् के मेहमान हुए। लेब्रन अपने राष्ट्रपति-पद के कार्यकाल मे फ्रान्स के विधान के अनुकूल ही व्यवहार करने को वाधित थे, किन्तु निजी तौर पर वह सदैव अपने जनतावादी विचारो की दुहाई देते रहे।


ऐवरहार्ट विलियम--इनका जन्म ३० दिसम्बर १८७८ को ओटेरियो में हुआ। पहले यह एक स्कूल में अध्यापक थे। बाद में इन्होंने ऐल्वर्टा प्रान्त में सामाजिक साख सघ (Social Credit League) नामक एक व्यापारिक-सस्था की स्थापना की। इसकी नियमावली में यह वचन दिया गया कि ऐल्बर्टा प्रान्त के प्रत्येक नियमित नागरिक को प्रतिमास पच्चीस डालर का मुनाफा बॉटा जायगा, और इस संघ के ज़रिये विलियम ने चुनाव लड़ा। जनता को अपनी ओर आकर्षित

करने का यह अच्छा खासा प्रलोभन था। इस अवसर का पूरा लाभ उठाया गया। नतीजा यह हुआ कि ६३ में से ६० स्थान इनके दल को मिले। चौदह साल से ऐल्बर्टा में सयुक्त-कृषक दल की सरकार कायम थी। उसे उखाड़ फेंका गया और ऐवरहार्ट विलियम ऐल्बर्टा (कनाडा) के राजनीतिक अग्रणी और वहॉ की सरकार के प्रधान मत्री बन बैठे।

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