अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश
रामनारायण यादवेंदु

पृष्ठ ६४ से – ६६ तक

 





एकच्छत्र शासन--एक व्यक्ति का शासन। इस शासन-प्रणाली के अन्तर्गत प्रजा को शासन-प्रबध में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं होता। न प्रजा को मताधिकार ही होता है। एकच्छत्र शासन का सबसे उत्तम उदाहरण भारत की देशी रियासते हैं। एकच्छत्र शासन स्वेच्छाचारी होता है, परन्तु वह लोकमंगलकारी भी हो सकता है।


एकाधिपत्य--किसी व्यवसाय तथा व्यापार आदि पर किसी व्यक्ति-विशेष या व्यक्ति-समूह अथवा कम्पनी का पूर्ण अधिकार होना। इस समय संसार में तेल पर दो कम्पनियो का विशेष अधिकार है, एक एग्लो-पर्शियन कम्पनी और दूसरी रॉयल डच कम्पनी।


एकान्तता--सयुक्त राज्य अमरीका का एक राजनीतिक सिद्धान्त है। जिसके अनुसार यूरोपीय मामलों से पृथक् रहना ही अमरीका के लिए श्रेयस्कर माना जाता है। एकान्तता के नेता सीनेटर वोरा का जनवरी १९४० में देहान्त हो गया। आजकल इस मत के नेताओं में सीनेटर वेडेनबर्ग और जॉन्सन प्रमुख हैं। वर्तमान युद्ध से पूर्व ब्रिटेन में भी इस मत का प्रचार था। इसके अनुयायी या समर्थक यूरोपीय महाद्वीप के मामलो में हस्तक्षेप के विरुद्ध थे।


एटली, मेजर क्लेमेट रिचार्ड। ब्रिटेन के पुराने मज़दूर नेता। सन्

१८८३ में इनका जन्म हुआ था। हेलीवरी तथा यूनिवर्सिटी कालिज आक्सफर्ड में इन्होने शिक्षा प्राप्त की। सन् १९०५ में वकालत शुरू की। इनकी प्रवृत्ति समाजवाद की ओर थी। सन् १९१३ में यह लन्दन के अर्थशास्त्र के स्कूल में अध्यापक होगये। सन् १९१४-१८ के युद्ध मे भाग लिया और मेजर की पदवी प्राप्त की। सन् १९१६ में स्टेमनी के सर्वप्रथम मज़दूरदली मेयर

चुने गये। सन् १९२७-३० में भारतीय रायल कमीशन--साइमन कमीशन--के सदस्य थे। सन् १९३०-३१ में डची ऑफ् लैकास्टर के चान्सलर रहे और सन् १९३१ में पोस्ट मास्टर जनरल हुए। सन् १९३१ से वह म़जदूर-दल के उपनेता रहे। सन् १९३५ में जब मज़दूर-दव के नेता जॉर्ज लेसबरी की मृत्यु हो गई, तब वह उसके नेता चुने गये। कई

वर्षों तक पार्लमेंट में विरोधी-दल के नेता रहने के बाद आज मेजर मज़दूर-दल की ओर से ब्रिटिश मंत्रि-मणडल में चर्चिल के नायब यानी सहकारी प्रधान-मंत्री (Deputy Prime Minister) हैं। राजनीतिक दृष्टि से मेजर एटली मज़दूर-दल के वाम तथा दक्षिणा पक्ष के मध्य मे रहते है। आपने चर्चिल के स्वर में स्वर मिलाकर कहा है कि अटलाटिक चार्टर का लाभ भारत को नही मिलना चाहिए।


एस्टोनिया--यह एक छोटा बाल्टिक राज्य है जो सोवियत रूस के उत्तर में है। इसका क्षेत्रफल १८,००० वर्गमील तथा जन-संख्या १२,००,००० है। सन् १९१८ तक यह रूस का एक प्रान्त था। इसी वर्ष मे वह एक स्वाधीन राज्य बन गया। तब से वह साम्यवाद-विरोधी नीति का समर्थक रहा। इस देश में जर्मन अल्पमत में है, परन्तु उन्हे स्वायत्त-शासन का अधिकार रहा है। कृषि, गोरस-व्यवसाय (डेरी फार्मिग्) तथा पशु-पालन ही यहॉ के मुख्य उद्योग हैं। जर्मनी और ब्रिटन को यहॉ

से माल भेजा जाता है। सन् १९३५ में यहाँ अधिनायक-तंत्र की स्थापना हुई। इस देश मे कोई राजनीतिक-दल नहीं है। जो उम्मीदवार सरकार द्वारा पसन्द किये जाते हैं, वे ही चुनाव में खड़े हो सकते हैं। वर्त्तमान यूरोपीय युद्ध के आरम्भ

हो जाने के बाद, अक्टूबर १९३९ में, सोवियट रूस ने अवसर से लाभ उठाया और एस्टोनिया को, अन्य

बाल्टिक राज्यो की भॉति,अपने आधिपत्य में कर लिया। उसकी भूमि पर रूसी नौसेना तथा हवाई वेडे के अड्डे बना दिये गये। जर्मनो को जहाजो में भरकर जर्मनी भेज दिया गया। रूस आजकल प्राणपन से अपने अस्तित्व के युद्ध में नाजियो से लोहा ले रहा है, लेता रहेगा, किंतु उसके देशो मे अभी शान्ति बनी है।








एंग्लो-सैक्सन-–ईसा के बाद, पॉचवी शताब्दी मे, उत्तरी जर्मनी और जटलैण्ड से इंगलैण्ड को जो ट्यू-टैनिक ऐगल्स तथा सैक्सन गये, वे ही ऐग्लोसैक्सन कहलाये। यह तो इनका ऐतिहासिक स्वरूप है। परन्तु आज के युग में इन शब्दो का प्रयोग अँगरेजी-भाषा-भाषियो के लिए होता है। इन शब्दो से जाति का भी बोध नही होता। आज की अँगरेज़ जाति ऐग्लोसैक्सन, कैल्टिक तथा दूसरी नस्लो के सम्मिश्रण से बनी है। अमरीकन जनता में केवल ३५ फीसदी ही अँगरेजी नस्ल के हैं।


ऐमरी, लियोपोल्ड चार्ल्स मैरिस स्टैनेट--आप आजकल ब्रिटिश मंत्री-मण्डल के एक प्रभावशाली सदस्य है। मई १९४० मे नार्वे के प्रश्न पर ब्रिटिश कॉमन सभा में जब स्थगित-प्रस्ताव (Adjournment motion)

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