हिंदुई साहित्य का इतिहास
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गार्सां द तासी
अनुवादक
लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय
एम्॰ ए॰, डी॰ फ़िल्॰, डी॰ लिट्॰
हिंदुस्तानी एकेडेमी, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद
गार्सां द तासी
की 'इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदूई ऐ ऐंदूस्तानी'
नामक फ़्रांसीसी भाषा की पुस्तक से अनूदित
अनुवादक
लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय
एम्॰ ए॰, डी॰ फ़िल्॰, डी॰ लिट्॰
हिंदुस्तानी एकेडेमी, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद
मूल्य ७)
श्री डॉ॰ धीरेन्द्र जी वर्मा
एम्॰ ए॰, डी॰ लिट्॰ (पेरिस)
के
में
प्रकाशकीय
हिंदी साहित्य का सबसे पुराना इतिहास फ्रांसीसी विद्वान गार्सां द तासी कृत 'इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदूई ऐ ऐंदूस्तानी' है। इसका पहला संस्करण दो भागों में १८३९ तथा १८४७ में प्रकाशित हुआ था। दूसरा परिवर्द्धित संस्करण तीन भागों में १८७०-७१ में प्रकाशित हुआ था। हिंदी में लिखा हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास शिवसिंह सेंगर कृत 'शिवसिंहसरोज' है जो १८७७ में प्रकाशित हुआ था तथा अंग्रेज़ी में लिखा हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास सर जार्ज ग्रियर्सन कृत 'वर्नाक्यूलर लिटरेचर अव् हिंदुस्तान' १८८९ में प्रकाशित हुआ था।
फ़्रेंच में होने के कारण तासी के ग्रंथ का उपयोग अभी तक हिंदी साहित्य के विद्यार्थी नहीं कर सके हैं, न हिंदी साहित्य के इतिहासों में इस सामग्री का उपयोग हो सका है। तासी के ग्रंथ में हिंदी तथा उर्दू साहित्यों का परिचय मिश्रित रूप में है। डॉ॰ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय ने हिंदी साहित्य से संबंधित अंश का हिंदी अनुवाद मूल ग्रंथ के आधार पर किया है। ग्रंथ अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदुस्तानी एकेडेमी से इसके प्रकाशन पर हमें विशेष प्रसन्नता है।
धीरेंद्र वर्मा
मंत्री तथा कोषाध्यक्ष
हिंदुस्तानी एकेडेमी, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद।
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