साँचा:आज का पाठ
घनआनंद रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया।
"(१०) घनआनंद- ये साक्षात् रसमूर्ति और ब्रजभाषा के प्रधान स्तंभों में हैं । इनका जन्म संवत् १७४६ के लगभग हुआ था और ये संवत् १७६६ में नादिरशाही में मारे गए। ये जाति के कायस्थ और दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह के मीरमुंशी थे ।..."(पूरा पढ़ें)