विकिस्रोत:सप्ताह की पुस्तक/३०
प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ प्रेमचंद की तेरह कहानियों का संग्रह है जिसका प्रकाशन १९५० ई॰ में बनारस के सरस्वती-प्रेस द्वारा किया गया था। इस कहानी-संग्रह में––ईदगाह, जुलूस, दो बैलों की कथा, रामलीला, बड़े भाई साहब, नशा, लाग-डाँट, आत्माराम, प्रेरणा, सवा सेर गेहूँ, गुल्ली डंडा, लॉटरी तथा शतरंज के खिलाड़ी शीर्षक कहानियाँ शामिल हैं।
"रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है। वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, मानो संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। किसी के कुरते में बटन नहीं है। पड़ोस के घर से सुई-तागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गये हैं, उनमें तेल डालने के लिए तेली के घर भागा जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी-पानी दे दें। ईदगाह से लौटते-लौटते दोपहर हो जायेगा। तीन कोस का पैदल रास्ता, फिर सैकड़ों आदमियों से मिलना भेंटना। दोपहर के पहले लौटना असंभव है। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोजा रखा है, वह भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं; लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज है। रोजे बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे। इनके लिए तो ईद है। ..."(पूरा पढ़ें)