विकिस्रोत:सप्ताह की पुस्तक/१६
सप्तसरोज प्रेमचंद द्वारा रचित सात कहानियों का संग्रह है। इसका प्रकाशन सन् १९३८ में काशी के हिन्दी पुस्तक एजेंसी द्वारा किया गया था।
"बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गांवके जमींदार और नम्बरदार थे। उनके पितामह किसी समय बड़े धन्यधान्य सम्पन्न थे। गांव का पक्का तालाब और मन्दिर, जिनकी अब मरम्मत भी मुश्किल थी, उन्हींके कीर्त्तिस्तम्भ थे। कहते हैं, इस दरवाजेपर हाथी झूमता था, अब उसकी जगह एक बूढ़ी भैंस थी, जिसके शरीरपे पंजरके सिवा और कुछ शेष न रहा था। पर दूध शायद बहुत देती थी, क्योंकि एक-न-एक आदमी हांडी लिये उसके सिरपर सवार ही रहता था। बेनीमाधव सिंह अपनी आधीसे अधिक सम्पत्ति वकीलोंकी भेंट कर चुके थे।..."पूरा पढ़ें)