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अल्लामा 'मशरिक़ी' रामनारायण यादवेंदु द्वारा १९४३ ई॰ में लिखे गए अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश में संकलित पारिभाषिक पद है।


"अल्लामा 'मशरिक़ी'––भारत में ख़ाकसार-आन्दोलन के जन्मदाता। नाम इनायतुल्ला खाँ 'मशरिक़ी'। उपनाम और अल्लामा (धार्मिक विद्वान्) अनुयायियों द्वारा दी गई उपाधि। जन्म २५ अगस्त सन् १८८८ को अमृतसर में हुआ। इनके पिता ख़ाँ अतामुहम्मद खाँ कट्टर मुसलमान थे और इनकी देखरेख में इनायतुल्ला ख़ाँ बाल्यकाल से पूर्णतया इसलामी रँग में रँग गये। १९ वर्ष की आयु मे एम॰ ए॰ में सर्वप्रथम उत्तीर्ण हुए। पश्चात् कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये और वहाँ से सनद हासिल की। इँगलैण्ड से वापस आने पर इस्लामिया कालिज, पेशावर, के उप-प्रधानाध्यापक तथा बाद मे प्रधानाध्यापक बने। सन् १९१७ में भारत-सरकार ने इन्हे शिक्षा-विभाग का उप-मंत्री (Under Secretary) नियुक्त किया। सन् १९१९ मे आप आई॰ ई॰ एस॰ से युक्त होकर पेशावर गये। इन दिनो आपने सब सरकारी स्कूलों में क़ुरान का अध्ययन अनिवार्य कर दिया, यद्यपि सरकार ने उनके इस कार्य का विरोध किया। सन् १९३० में लाहोर के निकट इछरा गाँव में इन्होंने ख़ाकसार दल की नींव डाली।..."(पूरा पढ़ें)