विकिस्रोत:आज का पाठ/१४ सितम्बर
भाग १७ राजभाषा १९५७ ई. में प्रकाशित भारत का संविधान का सत्रहवाँ भाग है जिसमें राजभाषा से संबंधित अनुच्छेद हैं।
"३४३. (१) संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लियेसंघ की राजभाषा प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अन्तर्राष्ट्रीय रूप होगा।
(२) खंड (१) में किसी बात के होते हुए भी इस संविधान के प्रारम्भ से पन्द्रह वर्ष की कालावधि के लिये संघ के उन सब राजकीय प्रयोजनों के लिये अंग्रेजी भाषा प्रयोग की जाती रहेगी जिनके लिये ऐसे प्रारम्भ के ठीक पहिले वह प्रयोग की जाती थी :
परन्तु राष्ट्रपति उक्त कालावधि में, आदेश द्वारा, संघ के राजकीय प्रयोजनों में से किसी के लिये अंग्रेजी भाषा के साथ साथ हिन्दी भाषा का तथा भारतीय अंकों के अन्तर्राष्ट्रीय रूप के साथ साथ देवनागरी रूप का प्रयोग प्राधिकृत कर सकेगा।
(३) इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी संसद् उक्त पन्द्रह साल की कालावधि के पश्चात् विधि द्वारा––
(क) अंग्रेजी भाषा का, अथवा
(ख) अंकों के देवनागरी रूप का,
ऐसे प्रयोजनों के लिये प्रयोग उपबन्धित कर सकेगी जैसे कि ऐसी विधि में उल्लिखित हों।..."(पूरा पढ़ें)