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वोटर विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक' द्वारा रचित कहानी है जो १९५९ ई॰ में आगरा के विनोद पुस्तक मन्दिर द्वारा प्रकाशित रक्षा बंधन कहानी संग्रह में संग्रहित है।


"चुनाव का दिन निकट आ गया। एक दिन एक मुसलमान कान्स्टे-बिल गश्त करता हुआ सीरामऊ भी आ निकला। मुसलमानों ने उसका स्वागत किया। खाना-वाना खाने के बाद मु० कान्स्टेबिल बोला---"तुम किसे वोट देओगे?"
"अब हम यह सब क्या जानें! जिसे आप कहें उसे दे दें।"
"मुसलिम लीग के आदमी को देना।"
"मुसलिम लीग क्या है ?"
"मुसलिम लीग मुसलमानों की एक जमात है। वह पाकिस्तान बनवायगी।"
"पाकिस्तान क्या?"
"पाकिस्तान माने मुसलमानी राज! काँग्रेस माने हिन्दू---राज।"
"अच्छा।"
"हाँ! हिन्दुओं के बहकावे में न आजाना।"
"लेकिन एक बात तो बताओ खाँ साहब! जब कांग्रेस-राज हिन्दू-राज है तब मुसलमान उसकी तरफ से कैसे खड़े होते हैं?"
"यह उनकी अकल और क्या कहा जाय। मुसलमान होकर हिन्दू- राज पसन्द कर रहे हैं।"
"यह तो बड़े ताज्जुब की बात है।"
"खैर! ताज्जुब की यह दुनिया ही है। तुम मुसलिम लीग के आदमी को वोट देना। उनका नाम है। याद रखना भूल न जाना।"..."(पूरा पढ़ें)