विकिस्रोत:आज का पाठ/११ जुलाई
स्वर ज्ञान रामावतार 'वीर' द्वारा रचित पुस्तक संगीत-परिचय भाग १ का एक अंश है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९५० ई॰ में रामलाल पुरी, दिल्ली द्वारा किया गया था।
"प्रश्न—स्वर किसको कहते हैं?
उत्तर—सुरीली और मीठी आवाज जो कानों को भली प्रतीत हो उसे स्वर कहते हैं।
प्रश्न—मूल स्वर कितने होते हैं?
उत्तर—मूल स्वर सात होते हैं।
प्रश्न—मूल स्वरों के पूरे नाम बताओ?
उत्तर—मूल स्वरों के पूरे नाम इस प्रकार हैं।..."(पूरा पढ़ें)