भ्रमरगीत-सार/२९५-हरि परदेस बहुत दिन लाए
राग मलार
हरि परदेस बहुत दिन लाए।
कारी घटा देखि बादर की नैन नीर भरि आए॥
पा लागौं तुम्ह, बीर बटाऊ! कौन देस तें धाए।
इतनी पतिया मेरी दीजौ जहाँ स्यामघन छाए॥
दादुर मोर पपीहा बोलत सोवत मदन जगाए।
सूरदास स्वामी जो बिछुरे प्रीतम भए पराए॥२९५॥