अयोध्या का इतिहास/उपसंहार/(त) शुग-वंश
उपसंहार (त)
शुङ्गवंश
१—पुष्यमित्र ३६ वर्ष (ई॰ पू॰ १८५ से ई॰ पू॰ १४९ तक)।
२—अग्निमित्र ८ वर्ष।
३—वसुश्रेष्ठ ७ वर्ष (ई॰ पू॰ १४९ से ई॰ पू॰ १४२ तक )।
४—वसुमित्र १० वर्ष (ई॰ पू॰ १४२ स ई॰ पू॰ १३२ तक)।
५—अन्ध्रक (अन्तक) २ वर्ष (ई॰ पू॰ १३२ से ई॰ पू॰ १३० तक)।
६—पुलिन्दक ३ वर्ष (ई॰ पू॰ १२७ से ई॰ पू॰ १२४ तक)।
७—घोष ३ वर्ष।
८—यनमित्र ९ वर्ष (ई॰ पू॰ १२४ से ई॰ पू॰ ११५ तक)।
९—समभाग या भगदत ३२ वर्ष (ई॰ पू॰ ११५ से ई॰ पू॰ ८३ तक)।
१०—देवभूमि (क्षेमभूमि) १० वर्ष (ई॰ पू॰ ८३ से ई॰ पू॰ ७३ तक)।
देवभूमि को व्यसन में आसक्त पाकर उसके मंत्री देवभूति ने मार कर कन्धराज स्थापित किया।
इस वंश में १० राजा हुये जिन्होंने सब मिल कर ११२ वर्ष राज किया।