हिंदी साहित्य भाग १ प्रश्नपत्र संघ लोक सेवा आयोग २०२२

हिंदी साहित्य प्रश्न पत्र भाग १ संघ लोक सेवा आयोग मुख्य २०२२
संघ लोक सेवा आयोग

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग, पृष्ठ १ से – २ तक

 

 

वियोज्य DETACHABLE

हिन्दी(प्रश्न-पत्र 1)
(साहित्य)

HINDI(Paper I)
LITERATURE

निर्धारित समय : तीन घण्टे
Time Allowed : Three Hours

अधिकतम अंक : 250
Maximum Mark : 250

 

प्रश्न-पत्र के लिए विशिष्ट अनुदेश

कृपया प्रश्नों के उत्तर देने के पूर्व निम्नलिखित प्रत्येक अनुदेश को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
कुल आठ प्रश्न हैं, जो दो खण्डों में विभाजित हैं।
उम्मीदवार को कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर लिखने हैं।
प्रश्न सं. 1 और 5 अनिवार्य हैं और शेष में से किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर दिया जाना है, जिनमें प्रत्येक खण्ड में से कम-से-कम एक प्रश्न होना चाहिए।
प्रत्येक प्रश्न/भाग के अंक उसके सामने अंकित हैं।
उत्तर हिन्दी (देवनागरी लिपि) में ही लिखे जाएंगे।
जिन प्रश्नों के संबंध में अधिकतम शब्द संख्या निर्धारित है वहाँ इसका अनुपालन किया जाना चाहिए।
प्रश्नों के उत्तर की गणना संख्यात्मक क्रम में की जाएगी। यदि किसी प्रश्न को काटा नहीं गया, तो उस प्रश्न को गिन लिया जाएगा भले ही उसका उत्तर आंशिक तौर पर क्यों न लिखा गया हो। प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका का कोई भी पृष्ठ अथवा पृष्ठ का भाग, जो खाली छोड़ा गया हो, उसे स्पष्ट रूप से काट दिया जाना चाहिए।

QUESTION PAPER SPECIFIC INSTRUCTIONS

Please read each of the following instructions carefully before attempting question
There are EIGHT questions divided in TWO SECTIONS.
Candidate has to attempt FIVE questions in all.
Questions No. 1 and 5 are compulsory and out of the remaining, any THREE are to be attempted choosing at least ONE question from each section.
The number of marks carried by a question/part is indicated against it.
Answers must be written in the HINDI (Devanagari Script).
Word limit in questions, wherever specified, should be adhered to.
Attempts of questions shall be counted in sequential order. Unless struck off, attempt of a questions shall be counted even if attempted partly. Any page or portion of the page left blank in the Question-cum-Answer Booklet must be clearly Struck off.  
खण्ड 'A'SECTION 'A'
1.निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए : 10×5=50
1.(a) हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योगदान 10
1.(b) अमीर खुसरो की काव्य-भाषा का महत्त्व 10
1.(c) रहीम की कविता की प्रासंगिकता 10
1.(d) सिद्ध-नाथ साहित्य में प्रयुक्त खड़ी बोली का स्वरूप 10
1.(e) स्वातंत्र्योत्तर भारत में हिंदी के विकास में आने वाली चुनौतियाँ 10
2.(a) पश्चिमी हिंदी की प्रमुख बोलियों का संक्षिप्त परिचय दीजिए। 20
2.(b) दक्खिनी हिन्दी की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए। 15
2.(c) अवधी की व्याकरणिक विशेषताओं का निरूपण कीजिए। 15
3.(a) हिन्दी में पारिभाषिक शब्दावली के निर्माण की वर्तमान दशा पर प्रकाश डालिए। 20
3.(b) पहाड़ी हिन्दी की प्रमुख बोलियों का संक्षिप्त परिचय दीजिए। 15
3.(c) अवहट्‌ठ का सामान्य परिचय दीजिए। 15
4.(a) देवनागरी लिपि के महत्त्व का आकलन कीजिए। 20
4.(b) 'आधुनिक काल में काव्य-भाषा के रूप में खड़ी बोली का विकास ब्रज के स्थान पर क्यों हुआ'–इस कथन की तर्कपूर्ण व्याख्या कीजिए। 15
4.(c) तकनीक की भाषा के रूप में हिन्दी के सामने आने वाली चुनौतियों का वर्णन कीजिए। 15
खण्ड 'B'SECTION 'B'
5.निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए : 10×5=50
5.(a) रामचन्द्र शुक्ल द्वारा किया गया हिन्दी साहित्य का काल-विभाजन 10
5.(b) कबीर की काव्य-भाषा 10
5.(c) सूरदास का विरह-वर्णन 10
5.(d) हिन्दी की प्रगतिवादी समीक्षा 10
5.(e) हजारी प्रसाद द्विवेदी का हिंदी आलोचना में योगदान 10
6.(a) 'बिहारी शृंगार रस के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं'–इस कथन की सार्थकता सिद्ध कीजिए। 20
6.(b) हिंदी उपन्यास के विकास में प्रेमचंद के योगदान का आकलन कीजिए। 15
6.(c) भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटकों में चित्रित राष्ट्रीय-चेतना को स्पष्ट कीजिए। 15
7.(a) 'अज्ञेय' के काव्य की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए। 20
7.(b) मंचन की दृष्टि से जयशंकर 'प्रसाद' के नाटकों का मूल्यांकन कीजिए। 15
7.(c) महादेवी वर्मा के संस्मरणों के महत्त्व का आकलन कीजिए। 15
8.(a) "नागार्जुन जनवादी कवि हैं"–इस कथन की तर्कसंगत व्याख्या कीजिए। 15
8.(b) कृष्णा सोबती के उपन्यासों में चित्रित नारी-चेतना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए। 15
8.(c) जगदीशचन्द्र माथुर की नाट्य-कला का संक्षिप्त विवेचन कीजिए। 15

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।