[ आवरण पृष्ठ ]

हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकर सीरीज नं॰ ८ ।

स्वदेश।

बंगसाहित्यसम्राट् श्रीयुक्त बाबू रवीन्द्रनाथ

ठाकुर के चुने हुए निबन्धों का

हिन्दी अनुवाद।


अनुवादक––

श्रीयुत बाबू महावीर प्रसादजी गहमरी।

प्रकाशक––

हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, बम्बई।


मार्गशीर्ष १९७१.

प्रथमावृत्ति]
[मूल्य दश आने।
नवम्बर १९१४.
[ प्रकाशक ]
 
Printed by G.N. Kalkarni at the Karnatak Printing

Press No.7, Girgaon Back Road Bombay,

and

Published by Nathuram Premi, Proprietor Hindi Grautha-

Ratnakar Karyalaya, Hirabaug, Bombay.
[ निवेदन ]

निवेदन।

पाठक महाशय, स्वदेश का हिन्दी अनुवाद आपकी सेवा में उपस्थित है। भारतमाता के ख्यातनामा सुपुत्र कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर के इस ग्रन्थ के विषय में कुछ कहने का हमें अधिकार नहीं––यह ग्रन्थ ही आपको अपने महत्त्वकी साक्षी देगा। हम केवल इसके अनुवाद के विषय में यह निवेदन कर देना चाहते है कि इसे सब प्रकार से शुद्ध, सरल और भावव्याञ्जक बनवाने के लिए हमने अपनी शक्तिभर प्रयत्न किया है और हमारा विश्वास है कि रवीन्द्रबाबू के गंभीर विचारपूर्ण ग्रन्थों के अनुवाद कराने में जो कठिनाइयाँ हैं उनका सामना करने में हमें जो सफलता प्राप्त हुई हैं उसे आप लोग भी आदर की दृष्टि से देखेंगे।

हम देखना चाहते हैं कि हिन्दी–संसार ऐसे ग्रन्थों का कहा तक आदर करता है। यदि हिन्दीहितैषी सज्जनों ने हमारे उत्साह को बढ़ाया तो हम रवीन्द्रबाबू के अन्याय गंभीर ग्रन्थों के अनुवाद भी शीघ्र तैयार करानेका प्रयत्न करेंगे। [ विषयसूची ]

सूची‌।
निबन्ध लिखे जानेका संवत् पृष्ठसंख्या
१ नया और पुराना (१९४८ विक्रम सं॰)
२ भारतवर्षका इतिहास (१९५९) २९
३ नया वर्ष (१९६०) ४३
४ पूर्वी और पश्चिमी सभ्यता (१९५८) ६२
५ ब्राह्मण (१९५८) ७४
६ समाज–भेद (१९५८) ९४
७ धर्मबोधका दृष्टान्त (१९६०) १०३
८ देसी रजवाड़े (१९६२) ११३

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।