सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय/३७/१ जलियाँवाला बाग-स्मारकके लिए अभिलेखका मसविदा

सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
मोहनदास करमचंद गाँधी

दिल्ली: प्रकाशन विभाग, दिल्ली, पृष्ठ १

 

 

१. जलियाँवाला बाग-स्मारकके लिए अभिलेखका मसविदा[]

यह १३ अप्रैल, १९१९को अंग्रेजोंकी गोलियोंसे शहीद होनेवाले पन्द्रह सौ निर्दोष सिखों, मुसलमानों और हिन्दुओंके सम्मिलित रक्तसे अभिसिंचित पुनीत भूमि है। इसे इसके मालिकोंसे जनतासे इकट्ठा किये गये धनसे खरीदा गया।

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १५३६९) की माइक्रोफिल्मसे।

 

  1. यह १-७-१९२८ को मुल्कराजको लिखे पत्रके साथ भेजा गया था।