शैवसर्वस्व  (1890) 
द्वारा प्रतापनारायण मिश्र

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शैवसर्वस्व ।


अर्थात्


शिवालय, शिवमूर्ति और शिव पूजा को मुख्य

मुख्य बातों का गूढा़र्थ

जिसे शिव भक्तों के मनोरंजन तथा

सर्व साधारण के हितार्थ

प्रेमदास प्रसिद्ध प्रतापनारायण मिश्र ने

लिखा ।


श्रीमन्महाराज कुमार बाबू रामदीन सिंह के अतिरिक्त

इस के छापने का अधिकार किसी को नहीं हैं ।

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पटना--“खड्गंविलास” प्रेस बांकीपुर ।'

साहब प्रसाद सिंह ने छाप कर प्रकाशित किया ।

१८९०.

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समर्पण


प्यारे भोलानाथ !

तुम्हारा भोलापन तो मूर्तिपर पांव रख के धंठा कोरने वाले चोर को चाल समर्थक की गति देने इत्यादि में प्रसिद्ध ही था पर हम भी तुम्हें ऐसे ही पागल मिले हैं जो यह जान के भी कि सब कुछ तुम्हारा ही हैं समर्पण किए बिना नहीं मानते तथा किसी काम के न होने पर भी तुम्हारे कहलाने को मरे जाते हैं यदि इतने पर भी न अपनाओ तो क्या बात है ।


आभपूर, श्रावण शुक्ला १४.

श्वीवरीचंद्राब्द ४

तुम्हारा ही

प्रेमदास ।

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