"पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/७९": अवतरणों में अंतर

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"सुनो मियाँ---यह नाम याद कर लो।" एक ने कहा।"


"याद है और भूल जाएंँगे तो चलते बखत मुखिया दाऊ से लेंगे।"


"सुनो मियाँ––यह नाम याद कर लो।" एक ने अन्य से कहा।"
"और क्या। और वोट डालने की जगह भी आदमी रहेंगे---उनसे
पूछ लेना।"


"याद है और भूल जाएँगे तो चलते बखत मुखिया दाऊ से पूछ लेंगे।"
"हाँ! वह सब हो जायगा।"


"और क्या। और वोट डालने की जगह भी आदमी रहेंगे––उनसे पूछ लेना।"
यह कहकर वे लोग चल दिए।


"हाँ! वह सब हो जायगा।"
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यह कहकर वे लोग चल दिए।
रास्ते में सब बातें करते हुए चले--अल्लाहबख्श बोला--'गाँव के
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खिलाफ कैसे जा सकते हैं।"
रास्ते में सब बातें करते हुए चले––अल्लाहबख्श बोला––"गाँव के खिलाफ कैसे जा सकते हैं।"


"और यह बात मुखिया ने ठीक कही--खाँ साहब तो चले जाएँगे"
"और यह बात मुखिया ने ठीक कही––खाँ साहब तो चले जाएँगे"


"हाँ ये लोग तो बदलते ही रहते हैं।"
"हाँ ये लोग तो बदलते ही रहते हैं।"


"हमें तो गाँव के साथ चलना है, जिनका हमारा हर बखत का
"हमें तो गाँव के साथ चलना है, जिनका हमारा हर बखत का साथ है।"
साथ है।"


"सो तो हई है।"
"सो तो हई है।"


परन्तु करीम को ये बातें नहीं जंँच रही थीं। उसका लक्ष्य केवल यह था कि मुसलमान भाइयों के खड़े किए हुए आदमी को देना
परन्तु करीम को ये बातें नहीं जँच रही थीं। उसका लक्ष्य केवल यह था कि मुसलमान भाइयों के खड़े किए हुए आदमी को देना चाहिए। उससे मुसलमानी राज हो जाएगा। अतः वह गुम-सुम चल
चाहिए। उससे मुसलमानी राज हो जाएगा। अतः वह गुम-सुम चल
रहा था इन लोगों की बातों में योग नहीं दे रहा था।
रहा था इन लोगों की बातों में योग नहीं दे रहा था।


अन्त को पोलिंग दिवस आ गया। मुसलिम लीग तथा काँग्रेस के
अन्त को पोलिंग दिवस आ गया। मुसलिम लीग तथा काँग्रेस के आदमी घूमने लगे। ये सब लोग भी वोट डालने चले। दोनों पक्षों से हाँ-हाँ करते हुए हँसते-खेलते जा रहे थे––केवल करीम गहरे विचार में था। वह अभी कुछ निश्चय नहीं कर पाया था कि क्या करे।
आदमी घूमने लगे। ये सब लोग भी वोट डालने चले। दोनों पक्षों से हाँ-हाँ करते हुए हँसते-खेलते जा रहे थे---केवल करीम गहरे विचार में था। वह अभी कुछ निश्चय नहीं कर पाया था कि क्या करे।


पोलिंग स्टेशन पर पहुँचने पर करीम ने देखा कि एक ओर लीग का तम्बू लगा है और दूसरी ओर काँग्रेस का। काँग्रेस के तम्बू में केवल
पोलिंग स्टेशन पर पहुँचने पर करीम ने देखा कि एक ओर लीग का तम्बू लगा है और दूसरी ओर काँग्रेस का। काँग्रेस के तम्बू में केवल